WASHINGTON NEWS. अमेरिकी टैरिफ पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया है। 8 घंटे पहले ही भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक पत्रकार के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि अभी तो सिर्फ 8 घंटे हुए हैं। देखते रहिए क्या होता है… आपको कई सेकेंडरी सेंक्शन देखने को मिलेंगे। इसके साथ ही ट्रंप प्रशासन ने इसे सीधे तौर पर यूक्रेन युद्ध की फंडिंग से जोड़ा है और इसे अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया है। एक पत्रकार ने जब ट्रंप से सवाल किया कि चीन भी रूसी तेल खरीदता है, फिर भारत को ही निशाना क्यों बनाया गया तो ट्रंप ने स्पष्ट संकेत दिए कि हम भारत पर सेकेंडरी सैंक्शन लागू करने का विचार कर रहे हैं। ऐसा कई अन्य देशों पर भी लागू किया जा सकता है, जिसमें एक चीन भी हो सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बयान ऐसे समय आया, जब उन्होंने भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ की घोषणा की है, जो 27 अगस्त से लागू होगा। इससे पहले 30 जुलाई को 25% टैरिफ का ऐलान किया था, जो 7 अगस्त से लागू हो गया है। यह स्पष्ट संकेत है कि अमेरिका अब केवल ट्रेड वॉर नहीं, बल्कि एक किस्म की जियोपॉलिटिकल प्रेशर पॉलिसी अपना रहा है, जिसमें सेकेंडरी सैंक्शन एक अहम हथियार हो सकते हैं।
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इस मामले पर विदेश मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि कच्चे तेल का आयात एक बाजार आधारित फैसला है, जिसका उद्देश्य 140 करोड़ नागरिकों की ऊर्जा जरूरतें पूरी करना है। भारत ने इस कदम को अनुचित, अन्यायपूर्ण और बेबुनियाद करार देते हुए कहा कि दुनिया के कई अन्य देश भी अपने-अपने राष्ट्रीय हितों को देखते हुए रूस से तेल खरीद रहे हैं तो फिर केवल भारत को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है? यह बयान दर्शाता है कि भारत न केवल अपने निर्णयों पर कायम है, बल्कि दबाव में आने को तैयार नहीं।
बता दें कि सेकेंडरी सैंक्शन वे प्रतिबंध होते हैं, जो अमेरिका उन देशों, कंपनियों या संस्थानों पर लगाता है जो पहले से प्रतिबंधित देश (जैसे रूस, ईरान आदि) के साथ व्यापारिक या वित्तीय लेनदेन करते हैं। इनका मकसद है तीसरे पक्ष को डराकर मुख्य लक्ष्य देश को आर्थिक रूप से अलग-थलग करना। कूटनीतिक दबाव बनाना और वैश्विक व्यापार में अमेरिकी शक्ति को दोबारा स्थापित करना है। अगर ट्रंप भारत पर सेकेंडरी सैंक्शन लगाते हैं तो भारत की तेल कंपनियों, बैंकों और यहां तक कि शिपिंग इंडस्ट्री पर भी इसका असर पड़ सकता है।