NEW DELHI NEWS. डिजिटल भुगतान प्रणाली में धोखाधड़ी रोकने के लिए नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने बड़ा कदम उठाया है। यह रोक केवल व्यक्ति-से-व्यक्ति कलेक्ट रिक्वेस्ट पर लागू होगी। व्यापारी, जैसे फ्लिपकार्ट, अमेजन, स्विगी, आईआरसीटीसी आदि ग्राहकों को भुगतान अनुरोध भेज सकेंगे। एनपीसीआई ने सभी बैंकों और यूपीआई से जुड़े पेमेंट एप को निर्देश दिया है कि वे 1 अक्टूबर 2025 से दो व्यक्तियों के बीच होने वाली ‘कलेक्ट रिक्वेस्ट या पुल ट्रांजैक्शन सुविधा को बंद कर दें।
दरअसल, कलेक्ट रिक्वेस्ट एक सुविधा है, जिसमें कोई भी यूजर किसी अन्य यूपीआई उपयोगकर्ता को भुगतान का अनुरोध भेज सकता है। लेन-देन तभी पूरा होता है जब अनुरोध पाने वाला व्यक्ति इसे स्वीकृत करता है और अपना यूपीआई पिन दर्ज करता है। शुरुआती दौर में यह फीचर व्यक्तिगत लेन-देन के लिए उपयोगी था, लेकिन धोखेबाजों ने इसे ठगी के हथियार के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। वे फर्जी भुगतान अनुरोध भेजकर लोगों को पिन डालने के लिए बहकाते थे, जिससे उनके खाते से पैसा निकल जाता था।
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एनपीसीआई ने स्पष्ट किया है कि इस फीचर को बंद करने का यूपीआई की सामान्य सर्विस पर कोई असर नहीं पड़ेगा। सामान्य यूपीआई ट्रांजैक्शन जैसे पैसे भेजना और प्राप्त करना यथावत जारी रहेगा। हर महीने करीब 16 अरब यूपीआई ट्रांजैक्शन होते हैं और ठगी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही थी। यही वजह है कि NPCI ने कलेक्ट रिक्वेस्ट को बंद करने का कदम उठाया। इस फैसले से ग्राहकों को ऑनलाइन ठगी से बचाव मिलेगा और यूपीआई का इस्तेमाल और अधिक सुरक्षित बन जाएगा।
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इसमें आगे कहा गया है कि सभी सदस्य बैंकों और यूपीआई ऐप्स को यूपीआई पी2पी लेनदेन शुरू करने, रूट करने या संसाधित करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। फिलहाल, एक UPI यूजर किसी अन्य व्यक्ति से प्रति लेनदेन अधिकतम 2,000 रुपये कलेक्ट कर सकता है। P2P क्रेडिट लेनदेन की संख्या रोजाना 50 तक सीमित है। यूपीआई के शुरुआती दिनों में ‘कलेक्ट रिक्वेस्ट’ धोखाधड़ी आम थी, लेकिन NPCI द्वारा इसकी सीमा 2,000 रुपये तक करने के बाद इनमें भारी कमी आई है। पुल ट्रांजैक्शन का हिस्सा UPI में 3% ही है।
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https://www.youtube.com/watch?v=53xqLfZy6iU&pp=0gcJCa0JAYcqIYzv
जानिए क्या है कलेक्ट रिक्वेस्ट फीचर
कलेक्ट रिक्वेस्ट फीचर के जरिए यूजर्स दूसरे लोगों से पैसे की रिक्वेस्ट भेज सकते थे। उदाहरण के लिए, अगर आपको मिस्टर A से 1,000 रुपये लेने हों, तो आप अपने यूपीआई ऐप से एक रिक्वेस्ट भेजते थे. इसके बाद मिस्टर A के फोन पर नोटिफिकेशन आता और पिन डालते ही पैसे आपके खाते में ट्रांसफर हो जाते थे। यह सुविधा मूल रूप से जरूरतमंद लोगों के लिए और याद दिलाने वाले रिमाइंडर के रूप में लाई गई थी, ताकि पैसे लेने और देने में आसानी हो।