WASHINGTON NEWS. रूस-यूक्रेन जंग के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अमेरिका पहुंचे और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने अलास्का में मुलाकात की। उनके बीच यूक्रेन जंग खत्म करने पर करीब 3 घंटे मीटिंग हुई। हालांकि यह मीटिंग बेनतीजा रही। इसे दोनों ने ‘फलदायी’ और ‘परस्पर सम्मानजनक’ बताया. इसके बाद दोनों नेताओं ने सिर्फ 12 मिनट की जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों के किसी सवाल का जवाब नहीं दिया। बता दें कि पुतिन शनिवार को करीब 10 साल बाद अमेरिका पहुंचे। यहां उनका B-2 बॉम्बर एयरक्राफ्ट से स्वागत किया गया। उनके रेड कार्पेट पर आते ही ट्रम्प ने तालियां बजाईं। फिर पुतिन, ट्रम्प की कार में बैठकर मीटिंग के लिए रवाना हो गए।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रम्प ने कहा कि मुझे लगता है कि हमारी बैठक बहुत सकारात्मक रही। हमने कई बिंदुओं पर सहमति जताई, लेकिन कोई डील नहीं हुई। कोई समझौता तभी होगा जब वह अंतिम रूप लेगा। वहीं, पुतिन ने कहा कि उनके लिए रूस की सुरक्षा सबसे जरूरी है। उन्होंने अगली मीटिंग मॉस्को में करने का सुझाव दिया। अपनी बात कहने के बाद दोनों नेता मंच से तुरंत चले गए।
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संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों नेताओं ने पत्रकारों के सवाल नहीं लिए. पुतिन ने उम्मीद जताई कि ‘कीव और यूरोपीय देश इसे रचनात्मक रूप से लेंगे और कोई बाधा नहीं डालेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी उकसावे या पर्दे के पीछे की साजिश से प्रगति को बाधित न किया जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि यूक्रेन का मामला रूस की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है और यूरोप व विश्व में सुरक्षा का संतुलन बहाल होना चाहिए।
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रूस पहले भी मांग कर चुका है कि यूक्रेन नाटो (NATO) में शामिल होने की महत्वाकांक्षा छोड़ दे और अपने पूर्वी क्षेत्रों को रूस को सौंप दे, जिन्हें वह पहले ही अपने में मिला चुका है. यूक्रेन इन मांगों को खारिज कर चुका है और उसका कहना है कि किसी भी शांति समझौते में उसे सुरक्षा की गारंटी मिलनी चाहिए ताकि रूस दोबारा हमला न करे। व्हाइट हाउस लौटने से पहले ट्रंप ने कहा कि उनका पुतिन से अच्छा संबंध है. उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन को युद्ध के लिए जिम्मेदार ठहराया और दावा किया कि वह 24 घंटे में शांति ला सकते हैं।
वहीं, ट्रंप ने बताया कि कई मुद्दों पर सहमति बनी है लेकिन यूक्रेन युद्ध के भविष्य को लेकर कोई स्पष्ट रोडमैप सामने नहीं आया। पुतिन ने कहा कि अमेरिका और रूस को सहयोग करना चाहिए और आगे प्रगति की उम्मीद जताई. मंच से जाते हुए पुतिन ने अंग्रेजी में मुस्कुराते हुए कहा-“अगली बार मॉस्को में। ट्रंप पहले भी पुतिन के प्रति प्रशंसा जताते रहे हैं। 2018 में हुई बैठक के बाद उन्हें कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा था, जब उन्होंने अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की बजाय पुतिन के बयान को तवज्जो दी थी।