NEW DELHI NEWS. अगर आप वैज्ञानिक बनना चाहते हैं तो आपके लिए सुनहरा मौका है। दरअसल, देश की सबसे बड़ी रक्षा अनुसंधान संस्था डीआरडीओ में आप तुरंत अप्लाई कर सकते हैं। डीआरडीओ वैज्ञानिक बनने का रास्ता आसान नहीं है, लेकिन अगर आप सही दिशा में मेहनत करें और सही संस्थनों से पढ़ाई करें, तो आपके लिए करियर के बड़े दरवाजे खुल सकते हैं। वैज्ञानिक बनने के लिए सबसे पहले आपके पास इंजीनियरिंग या साइंस में मजबूत बैकग्राउंड होना चाहिए।
भारत की कुछ चुनिंदा यूनिवर्सिटीज और इंस्टीट्यूट्स ऐसे हैं, जहां से पढ़ाई करने के बाद डीआरडीओ में करियर बनाने का सुनहरा मौका मिलता है। इनमें आईआईटी (IITs), आईआईएससी बेंगलुरु (IISc), एनआईटी (NITs) जैसे संस्थान शामिल हैं। यहां से आप एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, फिजिक्स, केमिस्ट्री या अन्य टेक्निकल सब्जेक्ट्स में पढ़ाई कर सकते हैं।
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डीआरडीओ वैज्ञानिकों की सैलरी सरकारी नौकरियों में सबसे आकर्षक मानी जाती है। यहां लेवल-10 से लेकर लेवल-13 तक के पे स्केल पर वैज्ञानिकों को नौकरी मिलती है। शुरुआत में वैज्ञानिक-बी (Scientist-B) पद पर चयन होने पर बेसिक सैलरी करीब 56,100 रुपये प्रति माह होती है। इसके साथ HRA, ट्रैवल अलाउंस और अन्य भत्ते जोड़कर इनकी इन-हैंड सैलरी 80,000 रुपये से ऊपर पहुंच जाती है।
इसके साथ ही जैसे-जैसे अनुभव और पद बढ़ता है, सैलरी भी तेजी से बढ़ती है। उच्च पदों पर वैज्ञानिकों को 1.3 लाख से लेकर 2 लाख रुपये तक मासिक सैलरी मिलती है। इसके अलावा सरकारी नौकरी की सुरक्षा, पेंशन, मेडिकल और रिसर्च फंडिंग जैसी सुविधाएं इस नौकरी को और आकर्षक बनाती हैं।
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ऐसे होता है चयन
डीआरडीओ में वैज्ञानिक के पद पर भर्ती मुख्य रूप से DRDO Scientist Entry Test (SET Exam), GATE स्कोर और इंटरव्यू के जरिए होती है। अगर आप इंजीनियरिंग के किसी भी विषय से ग्रेजुएट हैं और आपके पास GATE क्वालीफिकेशन है, तो डीआरडीओ में आवेदन कर सकते हैं। वहीं, साइंस बैकग्राउंड के छात्रों को रिसर्च में बेहतर प्रदर्शन और पब्लिकेशन पर भी मौके मिलते हैं।