BALRAMPUR NEWS. बलरामपुर जिले के शंकरगढ़ में फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी किया जा रहा था। महिला बाल विकास विभाग के आंगनबाड़ी में यह भर्ती प्रक्रिया हुई थी और चार महिलाएं फर्जी अंक सूची के आधार पर नौकरी कर रही थी। इस पूरे मामले में विभागीय जांच के बाद हुई शिकायत पर शंकरगढ़ पुलिस की टीम ने चार महिलाओं के ऊपर एफआईआर दर्ज कर लिया है। हालांकि अभी तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
शंकरगढ़ पुलिस की टीम ने बताया कि आंगनबाड़ी में सहायिकाओं की भर्ती निकली हुई थी और विभिन्न स्थानों पर यह भर्ती होनी थी। सहायिका की भर्ती मेरिट के आधार पर किया जाता है, जिसका अंक अधिक रहता है उसे ही यह नौकरी मिलती है। यहां चार लोग फर्जी अंक सूची बनवाकर नौकरी कर रहे थे जांच में भी यह बात सामने आ गई है और अब पुलिस की टीम ने उनके खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है। मामला सामने आने के बाद विभाग में हड़कंप मचा हुआ है और पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
मोहला मानपुर में भी सामने आया फर्जीवाड़ा
इसके पहले प्रदेश के मोहला-मानपुर अंबागढ़ चौकी जिले में एक ऐसा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जिसे जानकार सभी हैरान हैं। यहां 9 लोगों को फर्जी नियुक्ति पत्र के आधार पर सरकारी नौकरी दे दी गई है और अफसरों को इसका पता ही नहीं चला। मजे की बात यह है कि ये सभी फर्जी लोग पिछले 38 महीनों से नियमित कर्मचारी की तरह वेतन भी पा रहे हैं।
इस मामले में खुलासा हुआ है कि, मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी जिला में कोरोना काल 2021 में स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी विज्ञापन निकालकर फर्जी दस्तावेजो के माध्यम से नौ लोगों को नियुक्ति दे दी गई। इन लोगों से न तो परीक्षा ली गई और न ही साक्षात्कार, सिर्फ फर्जी नियुक्ति पत्र के आधार पर उन्हें नौकरी दे दी गई। अब यह फर्जीवाड़ा सामने आया है।
दरअसल वर्ष 2021 में पदस्थ सहायक ग्रेड 3 और डाटा एंट्री ऑपरेटर ने विभागीय अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर फर्जी दस्तावेज कुटरचित नियुक्ति आदेश के आधार पर इन्हें छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा में चयनित परीक्षा में सम्मिलित होकर चयनित बता दिया। वर्तमान में ये जिला कलेक्टर कार्यालय, जिला शिक्षा अधिकारी एवं विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय सहित स्कूलो में सहायक ग्रेड 3 के 6, डाटा एंट्री ऑपरेटर के 3 कुल 9 लोग विगत 38 माह से इन पदों पर बाकायदा रेगुलर कर्मचारी के रूप में नौकरी कर रहे हैं। इस मामले में इन पर आरोप है कि छत्तीसगढ़ राज्य शिक्षा आयोग के सचिव ओपी मिश्रा के नाम पर फर्जी नियुक्ति आदेश का हवाला देकर नौ लोग सरकारी नौकरी पर जमे हुए हैं।