DEHRADUN NEWS. उत्तरकाशी के धराली गांव में 3 जगह बादल फटा और फिर भारी तबाही मच गई। इसमें 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि 50 से ज्यादा लोग लापता हैं। खीर गंगा नदी में पहाड़ों से बहकर आए मलबे से गंगोत्री तीर्थयात्रियों के प्रमुख पड़ाव धराली गांव के बाजार, मकान और होटल बह गए। सिर्फ 34 सेकेंड में सब कुछ बर्बाद हो गया। बताया गया क धराली के अलावा हर्षिल और सुक्की में बादल फटा है। हर्षिल इलाके में बादल फटने से सेना के 8 से 10 जवानों के लापता होने की खबर है। हालांकि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है।
SDRF, NDRF, ITBP और आर्मी की टीमें बचाव और रेस्क्यू के काम में जुटी हैं। अब तक 130 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है। बता दें कि धराली गांव में 1864, 2013 और 2014 में भी पहाड़ पर बादल फटे। इससे खीर नाले ने तबाही मचाई। भूगर्भ वैज्ञानिकों ने तीनों ही आपदाओं के बाद धराली गांव को कहीं और बसाने की सलाह राज्य सरकार को दी। यह भी बताया कि आपदा के लिहाज से धराली टाइम बम पर बैठा है। लेकिन, इसे शिफ्ट नहीं किया गया।
ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ पुलिस में 5967 पदों के लिए वेकैंसी, 27 अगस्त कर सकेंगे आवेदन…जानें पूरा एग्जाम शेड्यूल
वरिष्ठ भूगर्भ वैज्ञानिक प्रो. एसपी सती बताते हैं कि धराली ट्रांस हिमालय (4 हजार मी. से ऊपर) में मौजूद मेन सेंट्रल थर्स्ट में है। यह एक दरार होती है, जो मुख्य हिमालय को ट्रांस हिमालय से जोड़ती है। ये भूकंप का अति संवेदनशील जोन भी है। जिस पहाड़ से खीर गंगा नदी आती है, वो 6 हजार मी. ऊंचा है, जब भी वहां से सैलाब आता है, धराली को तहस-नहस कर देता है। करीब 6 महीने पहले पहाड़ी का एक हिस्सा टूटकर खीर नदी में गिर रहा था। लेकिन ये अटक गया था। संभवत: इस बार वही हिस्सा टूटकर नीचे आया है।
आपदा में धराली में स्थित प्राचीन कल्प केदार महादेव मंदिर भी मलबे में दफन हो गया। भागीरथी नदी किनारे स्थित 1500 साल पुराना यह मंदिर पंच केदार परंपरा से जुड़ा है। स्थानीय लोगों की आस्था का सबसे बड़ा केंद्र था। उत्तरकाशी में पिछले 2 दिन से बारिश हो रही है। मंगलवार दोपहर 1.45 बजे धराली गांव के ऊपर बादल फटा। मलबा खीर गंगा नदी में आ गया। बाढ़ का मलबा आने से नदी ओवरफ्लो हो गई। इससे पानी और मलबा गांव की ओर आ गया। नदी का मलबा गांव के दायीं तरफ के घरों की ओर आया। ज्यादातर घर मलबे की चपेट में आ गए।
इस सैलाब के मलबे ने 34 सेकेंड में ही गांव के 50 से ज्यादा घरों को तबाह कर दिया। नीचे के पेड़ तक इसकी चपेट में आ गए। मलबे ने 34 सेकेंड में ही गांव के 50 से ज्यादा घरों को तबाह कर दिया। नीचे के पेड़ तक इसकी चपेट में आ गए। तबाही के समय लोग घरों में ही थे। मलबे को देख कुछ जान बचाने के लिए भागते दिखे। एक गाड़ी भी सड़क पर नजर आई। तबाही के समय लोग घरों में ही थे। नदी के मलबे और पानी का बहाव इतना ज्यादा था कि इसमें ज्यादातर घर जमींदोज हो गए। चारों तरफ धुएं का गुबार-सा उठा।
ये भी पढ़ें: RVNL में वेकैंसी…1.20 लाख रुपए तक मिलेगी सैलरी, इस तारीख तक करें आवदेन
बता दें कि धराली गांव उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित एक छोटा पहाड़ी गांव है। यह गांव भागीरथी नदी के किनारे, हर्षिल घाटी के पास बसा हुआ है। धराली गांव गंगोत्री यात्रा का एक प्रमुख पड़ाव है। गंगोत्री धाम से पहले यह अंतिम बड़ा गांव है, जहां से लोग आगे की कठिन चढ़ाई के लिए रुकते हैं। तीर्थयात्रियों को यहां रहने और खाने की सुविधा मिलती हैं। देहरादून से 218 किमी और गंगोत्री धाम से 18 किमी दूर है। अब तक यह सामने नहीं आया है कि आपदा के वक्त यहां कितने लोग मौजूद थे। प्रशासन का कहना है कि नुकसान का आकलन किया जा रहा है।