RAIPUR NEWS. महादेव ऑनलाइन सट्टा ऐप से जुड़े मामले में आरोपी चैतन्य बघेल को शुक्रवार को ईडी की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। पांच दिन की कस्टोडियल रिमांड पूरी होने के बाद ईडी ने आगे रिमांड बढ़ाने का आवेदन नहीं लगाया। कोर्ट ने सुनवाई के बाद चैतन्य बघेल को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेजने के आदेश दिए हैं। अब आरोपी को 6 सितंबर तक जेल में रहना होगा।
अदालत में पेशी के दौरान ED ने इस बार कस्टोडियल रिमांड बढ़ाने का आवेदन नहीं किया। अदालत ने कहा कि आगे की जांच में ED को यदि जरूरत पड़ी तो वह नई अर्जी दायर कर सकती है। फिलहाल चैतन्य को रायपुर जेल भेज दिया गया है।इस दौरान ED के वकील ने अदालत को बताया कि एजेंसी ने जांच के लिए अपने दो दिन सुरक्षित रखे हैं, ताकि आगे पूछताछ की आवश्यकता पड़ने पर उसका उपयोग किया जा सके।
चैतन्य बघेल पर गंभीर आरोप
चैतन्य बघेल को ED ने 18 जुलाई 2025 को भिलाई से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद उन्हें पहले 5 दिन की कस्टोडियल रिमांड पर रखा गया। ईडी का आरोप है कि चैतन्य बघेल ने करीब 16.7 करोड़ रुपये की अवैध रकम शेल कंपनियों और फर्जी संपत्ति सौदों के जरिए लॉन्डर की। यह रकम कथित तौर पर 2019 से 2022 के बीच हुए 2,100 करोड़ रुपये के शराब घोटाले से जुड़ी बताई जा रही है।
कोयला घोटाला मामले में आरोपी कोर्ट में पेश
वहीं बहुचर्चित कोयला घोटाला मामले में शनिवार को आरोपियों की रूटीन पेशी हुई। कोर्ट में सौम्या चौरसिया, रानू साहू, समीर विश्नोई, सूर्यकांत तिवारी, रजनीकांत तिवारी, सुनील अग्रवाल और निखिल चंद्राकर समेत कई आरोपी पेश हुए। सुनवाई के दौरान चंद्रदेव राय, देवेंद्र यादव और विनोद तिवारी ने धारा 88 के तहत अपने ही बॉन्ड पर बेल देने का आवेदन लगाया। इस पर बचाव पक्ष और ईडी (Enforcement Directorate) की ओर से लंबी बहस हुई। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। माना जा रहा है कि अगली सुनवाई में बेल अर्जी पर अहम आदेश आ सकता है।
महादेव सट्टा ऐप मामले में सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने कोर्ट में लगाई गुहार
वहीं बहुचर्चित महादेव ऑनलाइन सट्टा ऐप मामले में मुख्य आरोपी सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने ईडी की स्पेशल कोर्ट में अहम आवेदन लगाया। आरोपियों ने कोर्ट से उनके खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट रद्द करने की मांग की है। आवेदन में दोनों ने 3 महीने की मोहलत देने और उसके बाद खुद कोर्ट में पेश होने की प्रार्थना की है। इस पर ईडी और बचाव पक्ष के बीच लंबी बहस हुई। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। अब अगली सुनवाई में इस पर बड़ा आदेश आने की संभावना है।