MUMBAI NEWS. देश-दुनिया में डिजिटल पेमेंट हर किसी की जरूरत बन चुकी है। इसे समय के साथ अपडेट भी किया जाता है। इसी क्रम में बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन की नई सुविधा शुरू हो सकती है। यानी कोई भुगतान करने के लिए यूजर्स को पिन डालने की जरूरत नहीं होगी। यूजर के वेरिफिकेशन के लिए सिस्टम फेस आईडी या फिंगर प्रिंट का इस्तेमाल करेगा। पिन चोरी और ऑनलाइन फ्रॉड की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए यह नया फीचर जोड़ा जा रहा है। बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन की शुरुआत फेस आईडी से होगी।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) पिछले एक साल से इस फीचर पर काम कर रहा है। हाल ही में इसे यूपीआई इकोसिस्टम के पार्टनर्स के साथ साझा किया गया है। इसे लागू करने से पहले रिजर्व बैंक और एनपीसीआई की स्टीयरिंग कमेटी की मंजूरी जरूरी होगी। इससे यूजर के डिवाइस में फेस आईडी एक्टिव है, तो उसी से वेरिफिकेशन होगा। सिर्फ एन्क्रिप्टेड डेटा एक्सचेंज होगा। इससे सेंधमारी की आशंका कम होगी। एक्सपर्ट के अनुसार यह ओटीपी-पिन से सुरक्षित है।
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दरअसल, जब आप फिंगर प्रिंट या फेस आईडी से यूपीआई पेमेंट करेंगे तो आपका बायोमेट्रिक डेटा (अंगूठे का निशान या चेहरा) कहीं भी भेजा नहीं जाएगा। आपके बायोमेट्रिक से एक ‘चाबी’ (एन्क्रिप्टेड की) बनेगी। यह एक तरह से गुप्त कोड जैसा होता है, जो आपकी पहचान की पुष्टि करता है। यह चाबी आपके फोन से आपके बैंक को भेजी जाएगी, ताकि बैंक जांच सके कि आप ही पेमेंट कर रहे हैं। जब बैंक पुष्टि कर देगा कि सब सही है, तभी लेन-देन पूरा होगा।
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यूपीआई भुगतान करने के नए फीचर लागू करने से पहले यूपीआई इकोसिस्टम को इसके लिए तैयार रहना होगा। एनपीसीआई ने फीचर का ड्राफ्ट सभी पार्टनर्स के साथ साझा किया है। उनसे फीडबैक भी मांगा है। एनपीसीआई अक्टूबर में होने वाले ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में इस फीचर का डेमो दिखा सकता है।