NEW DELHI NEWS. आर्थिक अपराधी मोनिका कपूर को अमेरिका से भारत लाया जा रहा है। मोनिका 25 साल पहले जांच एजेंसियों को चकमा देकर विदेश भागी थीं। वहीं, अब सीबीआई मोनिका का प्रत्यर्पण करवाने में कामयाब रही। सीबीआई के अधिकारी आज यानी 9 जुलाई की रात तक मोनिका को लेकर भारत पहुंच जाएंगे। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के अधिकारियों ने मोनिका को हिरासत में लिया और उसे लेकर अमेरिकन एअरलाइंस की फ्लाइट में बैठ गए हैं। यह फ्लाइट आज रात को नई दिल्ली में लैंड होगी।
दरअसल भारत और अमेरिका के बीच प्रत्यर्ण संधि हुई थी, जिसके तहत अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित जिला न्यायालय (ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट) ने मोनिका के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी। विदेश सचिव मार्को रुबियो ने भी मोनिका के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया था। हालांकि, मोनिका का दावा था कि प्रत्यर्पण के बाद भारत में उसके साथ बुरा बर्ताव होगा और यह संयुक्त राष्ट्र के यातना विरोधी कन्वेंशन का उल्लंघन होगा। मगर, विदेश सचिव ने मोनिका के दावों को खारिज करते हुए प्रत्यर्ण को मंजूरी दे दी थी।
बता दें कि मोनिका कपूर पर 1999 में भारत सरकार के साथ फ्रॉड करने का आरोप है। मोनिका ने अपने दो भाइयों के साथ मिलकर ज्वैलरी के बिजनेस के फर्जी दस्तावेज तैयार किए। इन दस्तावेजों को दिखाकर मोनिका ने भारत सरकार से कच्चे माल के शुल्क मुक्त (Duty Free) आयात का लाइसेंस ले लिया था। आकंड़ों की मानें तो मोनिका की इस जालसाजी से भारत सरकार को 679000 अमेरिकी डॉलर (5.7 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ था। भारत ने अमेरिका से 2010 में प्रत्यर्पण संधि के तहत मोनिका को सौंपने का आग्रह किया था।
CBI की जांच के बाद 31 मार्च 2004 को मोनिका कपूर, राजन खन्ना और राजीव खन्ना के खिलाफ IPC की धारा 120-B, 420, 467, 468 और 471 के तहत चार्जशीट दाखिल की गई। दिल्ली की साकेत कोर्ट ने 20 दिसंबर 2017 को राजन और राजीव खन्ना को दोषी करार दे दिया, लेकिन मोनिका कपूर जांच और ट्रायल से दूर रही। उसे कोर्ट ने 13 फरवरी 2006 को Proclaimed Offender घोषित कर दिया था और 2010 में उसके खिलाफ Red Corner Notice जारी कर दिया गया।