MUMBAI NEWS. लंबे इंतजार के बाद आखिरकार 17 साल बाद मालेगांव ब्लास्ट मामले का फैसला आ गया है। मुंबई की एनआईए की स्पेशल कोर्ट ने भाजपा की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को क्लीन चिट दे दी है। डेढ़ दशक से अधिक समय तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने सभी 7 आरोपियों को भी बरी कर दिया। जस्टिस लाहोटी ने कहा कि इस केस की जांच 3-4 एजेंसियां कर रही थीं। बाइक में बम रखने का कोई सबूत नहीं मिला। कर्नल पुरोहित के खिलाफ भी कोई साक्ष्य नहीं मिला है। इसके अलावा कश्मीर से आरडीएक्स लाने के भी कोई सबूत नहीं मिले हैं।
एनआईए कोर्ट के जज ने कहा कि अभियोजन यह साबित करने में विफल रहा है कि बाइक किसने पार्क की। फैसले के वक्त बीजेपी की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर समेत तमाम आरोपी कोर्ट में मौजूद रहे। कोर्ट ने कहा कि बाइक किसने पार्क की। इसका कोई सबूत नहीं है। कर्नल पुरोहित के घर पर आरडीएक्स का सबूत नहीं मिली। आतंकवाद का कोई रंग नहीं होता है और कानूनी तौर पर मान्य सबूत नहीं हैं। कोर्ट ने कहा कि आरडीएक्स लगाने ओर बम लाने सबूत नहीं।
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बता दें कि नासिक के मालेगांव में 29 सितंबर, 2008 को रमजान के पवित्र महीने में रात 9:35 मिनट पर मालेगांव की भिक्खू चौक पर शक्तिशाली विस्फोट हुआ था। इस विस्फोट में छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे। बम ब्लास्ट के अगले ही दिन से नवरात्रि की शुरुआत होनी थी। मालेगांव ब्लास्ट की जांच पुलिस, एटीएस और एनआईए ने की है। मालेगांव ब्लास्ट के दो हफ्ते बाद कुल 11 लोगों को अरेस्ट किया गया था। इसमें कर्नल पुरोहित भी शामिल थे। पुरोहित अभिनव भारत नाम का संगठन चलाते थे।
एटीएस ने इस मामलेमें जनवरी 2009 में चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें कुल 11 लोग आरोपी थी। इसके बाद मार्च, 2011 में यह मामला एनआईए को ट्रांसफर कर दिया गया था। मालेगांव ब्लास्ट ने पूरे देश की राजनीति में सियासी बवंडर खड़ा कर दिया गया था। मुंबई से 291 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मालेगांव इसके बाद तमाम केंद्रीय जांच एजेंसियों और महाराष्ट्र एटीएस के लिए जांच स्थल बन गया था।
यह पहला मामला था जब किसी ब्लास्ट के मामले में हिंदुओं को आरोपी बनाया गया था। मालेगांव ब्लास्ट केस की सुनवाई अप्रैल, 2025 में पूरी कर ली गई थी। इसके बाद कोर्ट के द्वारा फैसला सुनाए जाने का इंतजार हो रहा था। कोर्ट के फैसला सुनाने में इसलिए देरी हुई क्योंकि मामले में एक लाख से अधिक पन्नों के सबूत और दस्तावेज थे। ऐसे में कोर्ट को फैसला सुनाने से पहले सभी रिकॉर्ड की जांच के लिए अतिरिक्त समय चाहिए था।
बरी होने के बाद साध्वी प्रज्ञा का पहला बयान
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि मुझे 17 साल तक अपमानित किया गया। 13 दिनों तक प्रताड़ित किया गया। बकौल साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, मैं आज फैसले के दिन कोर्ट में मौजूद रहीं, क्योंकि मैं न्यायालय के प्रति सम्मान रखती हूं। इस बीच, भाजपा की फायरब्रांड नेता रहीं उमा भारती ने भी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के बरी होने पर प्रतिक्रिया दी है। उमा भारत ने एक्स पर लिखा – भोपाल की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा आज निर्दोष साबित हुईं। प्रज्ञा जी को बधाई एवं माननीय न्यायालय का अभिनंदन।