RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ अंजोर विजन@2047 दस्तावेज को छत्तीसगढ़ की जनता को समर्पित किया। नवा रायपुर अटल नगर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि यह दस्तावेज केवल शब्दों का संकलन नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर, समृद्ध और विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण का एक ठोस संकल्प और स्पष्ट दिशा है। उन्होंने कहा कि यह विज़न प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विकसित भारत@2047 के संकल्प से प्रेरित है और छत्तीसगढ़ को भारत के अग्रणी एवं विकसित राज्य में शामिल करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां सोच बड़ी हो, दिशा स्पष्ट हो और जन-जन की भागीदारी हो, वहाँ विकास तय होता है। आज हम अपने राज्य का विज़न डाक्यूमेंट – छत्तीसगढ़ अंजोर विज़न@2047 प्रदेशवासियों को समर्पित कर रहे हैं। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि छत्तीसगढ़ उन चुनिंदा राज्यों में है जिन्होंने यह विज़न तैयार किया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने स्वयं पिछले माह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की बैठक में इस विज़न की जानकारी दी, जिसे विशेष रूप से सराहा गया। इस दौरान वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने विजन डाॅक्यूमेंट तैयार करने की प्रक्रिया के साथ ही 2047 तक के लिए तय किए गए लक्ष्यों का प्रजेंटेशन दिया। चौधरी ने बताया कि उद्योग, लॉजिस्टिक, टूरिज्म, संस्कृति-विरासत, हर्बल प्रोडक्ट्स, कृषि हमारी स्ट्रेंथ है, जिसे मजबूत करेंगे। इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, स्वास्थ्य और मैन्यूफैक्चरिंग हमारी कमजोरी है। इसे भी मजबूत करने का लक्ष्य रखा गया है। स्किलिंग, एजुकेशन, हायर एजुकेशन पर ध्यान देना होगा।
OP चौधरी ने बताया कि नई उद्योग नीति एग्रेसिव है, यह महाराष्ट्र, ओडिशा जैसे राज्यों से भी मुकाबला करने की ताकत रखती है। उद्याेग सब्सिडी के बजट को 8 से 10 गुना बढ़ाने की रणनीति के साथ काम कर रहे हैं। ताकि इंडस्ट्रियल ग्रोथ और कैपेक्स से हम रैपिड इकोनॉमिक ग्रोथ कर सकें। इसी से विजन 2047 के लक्ष्य को प्राप्त कर पाएंगे। चौधरी ने बताया कि देश की जीडीपी में सर्विस सेक्टर का कंट्रीब्यूशन 55 प्रतिशत है जबकि छत्तीसगढ़ में कंट्रीब्यूशन 35 प्रतिशत है। आईटी, मेडिकल टूरिज्म, वेडिंग टूरिज्म जैसे सेक्टर की थीम को लेकर आगे बढ़ना होगा।
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इससे पहले मुख्यमंत्री ने कहा कि मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को संसाधनों के प्रबंधन का सबसे अहम आधार बताया। उन्होंने कहा कि राज्य में वर्ष 1853 से 2014 तक केवल 1100 रूट किलोमीटर रेलमार्ग बने थे, जिन्हें वर्ष 2030 तक दोगुना किया जाएगा। बोधघाट परियोजना जैसी योजनाओं से सिंचाई और बिजली उत्पादन को नया विस्तार मिलेगा। उन्होंने बताया कि यह विज़न स्पष्ट कार्ययोजना के साथ तैयार किया गया है, जिसमें 2030 तक अल्पकालिक, 2035 तक मध्यकालिक और वर्ष 2047 तक दीर्घकालिक लक्ष्य रखे गए हैं।
ये है विजन डाक्यूमेंट के लक्ष्य
- जीडीपी में 15 गुना और प्रति व्यक्ति आय में 10 गुना वृद्धि का लक्ष्य।
- जीडीपी 2030 तक 11 लाख करोड़, 2047 तक 75 लाख करोड़ करना।
- प्रति व्यक्ति जीडीपी वर्तमान में 1.7 लाख, 20 लाख रुपए करने का लक्ष्य।
- सेवा जीडीपी का हिस्सा 35% से बढ़ाकर 50% करना।
- किसानों की आय में 10 गुना से अधिक वृद्धि का लक्ष्य।
- वर्तमान में राज्य में 2 करोड़ पर्यटक, जिन्हें 10 करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य
- रेल रूट अभी 1100 किलोमीटर, दुगुना करने का लक्ष्य।
- साक्षरता दर 78.2%, 2035 तक 93% और 2047 तक 100% करना।
- बेरोजगारी दर अभी 2.7%, 2047 तक इसे 1% से कम करना।
- उच्च शिक्षा में नामांकन 19.6%, बढ़ाकर 64% से अधिक करना।
- आयुष्मान भारत योजना में 87% कवर हो रहे, इसे 100% करने का लक्ष्य
- 2047 तक जीवन प्रत्याशा को 65 साल से बढ़ाकर 84 साल तक ले जाना।
- मातृ मृत्यु दर को 137 से घटाकर 10 तक लाना।
- शिशु मृत्यु दर को 38 से घटाकर 5 पर लाना।
- 5 साल से कम उम्र के बच्चों में बौनापन 35% से 1% पर लाना।
- आईएमआर जो 20 से भी अधिक है, उसे 5 के स्तर पर लाना।
- अपशिष्ट उपचार वर्तमान में 7-30%, इसे 100% करना।