KANKER NEWS. कांकेर जिले में जामगांव में ईसाई धर्म अपना चुके व्यक्ति की मौत के बाद शव दफनाने को लेकर विवाद हो गया। ग्रामीणों ने दफन किए गए शव को निकालने की मांग लेकर चक्काजाम किया। इसके साथ ही हजारों की भीड़ ने चर्च में और घरों में तोड़फोड़ की। घरों से बर्तनों और सामानों को निकालकर बाहर फेंक दिए। बवाल के बीच दफनाए गए शव को SDM और बड़ी संख्या में पुलिस की मौजूदगी के बीच कब्र खोदकर निकाला गया, जिसे पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। बवाल के बीच जामगांव की सरपंच भगवती उइके और घोटियावाही के सरपंच राजेंद्र मरकाम ने बताया कि गांव के बीच में डेडबॉडी को लाकर अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार रविवार को जामगांव के सोमलाल राठौर की मौत हो गई। सोमलाल पहले आदिवासी थे, लेकिन कुछ समय पहले उन्होंने ईसाई धर्म अपना लिया था। उनके परिवार ने अगले दिन सुबह गांव के ही नाले के पास अपने खेत में ईसाई रीति-रिवाज़ के साथ उन्हें दफना दिया। शुरू में सब शांति से चल रहा था, लेकिन जैसे ही गांव वालों को इस बात की जानकारी मिली तो गुस्सा फूट पड़ा। धीरे-धीरे लोग दफन स्थल पर जमा होने लगे और विरोध करना शुरू कर दिया।
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विरोध कर रहे ग्रामीणों को कहना है कि जब तक मृतक आदिवासी था तो उसका अंतिम संस्कार गांव की परंपराओं के अनुसार होना चाहिए और अगर धर्म बदल लिया है तो अपने धर्म के कब्रिस्तान में जाकर दफन करें। सोमवार को माहौल और गर्म हो गया था। सोमवार की दोपहर बाद भीड़ का गुस्सा इस कदर बढ़ा कि लोगों ने सीधे चर्च में घुसकर तोड़फोड़ शुरू कर दी। कुर्सियाँ फेंकी गईं और शीशे तोड़े गए। इसकी सूचना पुलिस को दी गई, पुलिस अमला पहुंचा।
नरहरपुर थाना प्रभारी सुरेश राठौर अपनी टीम के साथ मौके पर पहुँचे। समझाने की पूरी कोशिश की गई, लेकिन कोई हल नहीं निकला था। इस पूरे मामले में नया मोड़ तब आया जब प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस ने शव को निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। गांव वालों की लगातार बढ़ती नाराज़गी और तनाव को देखते हुए यह फैसला लिया गया।
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इस पूरे घटनाक्रम के दौरान पुलिस अधिकारी मौके पर मौजूद रहे और शव निकालने की कार्रवाई शांति से कराई गई। बता दें कि जामगांव में पहले से एक और विवाद भी गर्म है। प्रार्थना स्थल को लेकर गांव में आरोप लगते रहे हैं कि कुछ लोगों ने अवैध रूप से ज़मीन पर कब्जा कर वहां चर्च जैसा ढांचा बना लिया है। तहसील में केस भी चल रहा है और इस मुद्दे पर नाराज़गी बनी हुई है।