DURG NEWS. दुर्ग रेलवे स्टेशन पर मानव तस्करी मामले में गिरफ्तार नन की जमानत याचिका खारिज हो गई है। चतुर्थ FTSC कोर्ट के न्यायाधीश ने कहा जमानत देना हमारे क्षेत्राधिकार में नहीं आता। मामला NIA एक्ट में आता है इसलिए बिलासपुर हाईकोर्ट में मामले को लगाने सलाह दी है।
मानव तस्करी मामले में 15 दिन के भीतर जांच कर केंद्र सरकार से परमिशन लेना होगा। दोनों नन प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस और युवक सूकमन मंडावी को फिलहाल जेल में रखा जाएगा।
इधर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की वरिष्ठ नेता बृंदा करात और चार सांसद के (डेलिगेशन टीम के) साथ दुर्ग सेंट्रल जेल में बंद दोनों नन और युवक से मिली। दुर्ग सेंट्रल जेल जेल में सुबह 10 बजे टीम पहुंची थी। सेंट्रल जेल से निकलकर बृंदा करात बोली नन को जबरन फंसाया गया, उनसे मारपीट हुई बजरंग दल के लोगों ने मारा पीटा है और पुलिस देखते रही।
नन के दुर्ग पहुंचने पर बोली कि हम इंडिया की सिटीजन कहीं भी जा सकते हैं। रेलवे पुलिस के प्रेस नोट पर उन्होंने चुप्पी साध लिया। वहीं हिंदुत्व के एजेंडे को संकीर्ण बताया है। इसके अलावा जांच में प्रलोभन, पैसा और दस्तावेज के पूछे जाने पर बृंदा करात भड़क उठी। बृंदा करात ने कहा कि प्रलोभन जैसी कोई बात नहीं है, सारी बात झूठ है।
उन्होंने कहा कि लड़कियां एडल्ट है और आदिवासी भी हैं, वे कहीं भी देश में आ जा सकते हैं, नौकरी कर सकते है। बृंदा करात ने कहा ननों पर कार्यवाही गैर संवैधानिक है, गैर कानूनी है। मानवता के न्यूनतम मूल्यों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।छत्तीसगढ़ में गुंडों का राज है, बृंदा करात ने मांग की है कि FIR को वापस लिया जाए और ननो को तुरंत रिहा किया जाए। यह देश के सामने शरम की बात है।