SUKMA NEWS. नक्सलवाद खात्मे के मोर्चे पर फोर्स को बड़ी सफलता मिली है। सुकमा में एंटी नक्सल ऑपरेशन के तहत 23 नक्सलियों का आत्मसमर्पण कराया है। कुल 1 करोड़ 18 लाख रुपए के इनामी 23 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला लिया है। इनमें 8 हार्डकोर नक्सली पीएलजीए बटालियन से जुड़े थे, जबकि अन्य अलग-अलग संगठनों में सक्रिय थे। सरेंडर करने वाले नक्सलियों में से कई नक्सली बस्तर में कई बड़ी नक्सली वारदात में शामिल रहें हैं। इनमें से एक नक्सली लोकेश 2012 में तत्कालीन कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन के अपहरण में शामिल था।
सुकमा एसपी किरण चव्हाण और सीआरपीएफ डीआईजी आनंद सिंह राजपुरोहित की मौजूदगी में इन माओवादियों ने सरेंडर किया है। जिला पुलिस सुकमा के अलावा सीआरपीएफ की दूसरी, 223वीं, 227वीं, 165वीं व कोबरा की 204वीं, 208वीं बटालियन ने इन 23 माओवादियों को सरेंडर कराया है। आत्मसमर्पित नक्सलियों में 1 डीव्हीसीएम, 6 पीपीसीएम, 4 एसीएम और 12 पार्टी सदस्य भी शामिल हैं। कुल 23 नक्सलियों में 9 महिला और 14 पुरुष हैं, जिनमें 3 नक्सली दंपत्ति भी शामिल हैं।
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राज्य सरकार की छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति और नियद नेल्ला नार योजना से प्रभावित होकर तथा सुदूर इलाकों में नवीन सुरक्षा कैंपों की स्थापना और पुलिस के बढ़ते दबदबे के चलते इन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। समर्पित 11 नक्सलियों पर 8-8 लाख, 4 नक्सलियों पर 5-5 लाख, 1 नक्सली पर 3 लाख और 7 नक्सलियों पर 1-1 लाख का इनाम घोषित था। इस तरह कुल इनामी राशि ₹1.18 करोड़ रुपए रही।
एक दिन पहले नारायणपुर में फोर्स के सामने 22 माओवादियों ने सरेंडर किया था। इनमें माओवादियों के बड़े लीडर डीवीसीएम, एसीएम, पार्टी मेम्बर और जनताना सरकार अध्यक्ष सहित 14 पुरूष और 8 महिला माओवादियों ने समाज की मुख्य धारा में जुड़ने की शपथ ली। सरेंडर करने वाले 22 माओवादियों पर करीब साढ़े 37 लाख रुपए का इनाम था। इस सरेंडर करने वालों में कोई भी हथियारबंद नक्सली नहीं था। अब सुकमा में 23 नक्सलियों में से किसी भी नक्सली ने हथियार के साथ सरेंडर नहीं किया है।
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वहीं, फोर्स ने काेंटा के पीलावाया के जंगल में नक्सलियों के छिपाए विस्फोटक सामग्री बरामद किया था। बरामद सामग्रियों में 25 बंडल कोडेक्स वायर, 25 इलेक्ट्रिक डेटोनेटर, 3 बंडल बिजली वायर, 1 खाली टिफीन, नक्सल वदी और नक्सल साहित्य शामिल है। सुरक्षा बलों के खिलाफ बड़े हमले की तैयारी के तहत माओवादियों ने ये विस्फोटक सामग्री छिपा कर रखी थी।