RAIPUR NEWS. गर्मी की छुट्टी के बाद आज यानी 16 जून से छत्तीसगढ़ में स्कूल खुल गए हैं। सोमवार से रायपुर समेत पूरे प्रदेश में शाला प्रवेश उत्सव मनाया गया। बच्चों के माथे पर तिलक लगाकर स्वागत किया गया। इस बीच, स्कूल शिक्षा विभाग ने नया आदेश जारी कर दिया। भीषण गर्मी को देखते हुए स्कूल की टाइमिंग बदली गई है। कल यानी 17 जून से 21 जून तक स्कूल सुबह 7 से 11 बजे तक खुलेंगे। यह आदेश सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के लिए जारी हुआ है।
इससे पहले रायपुर के सभी स्कूलों में शिक्षकों ने बच्चों का स्वागत किया, मिठाई बांटकर प्रवेश कराया। इसी तरह बिलासपुर, जगदलपुर, रायगढ़, दुर्ग भिलाई समेत पूरे प्रदेश में टीचर्स बच्चों का स्वागत किया। रायपुर के जिला शिक्षा अधिकारी विजय खंडेलवाल ने बताया कि 18 जून को ब्लॉक स्तर पर और 20 जून को जिला स्तर पर शाला प्रवेश उत्सव कार्यक्रम रखा गया है। सीएम साय ने छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों को नए शैक्षणिक सत्र के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दी है।
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सीएम साय ने सोशल मीडिया लिखा कि प्यारे बच्चों, आज से स्कूल की घंटी फिर से गूंजने लगी है। नई किताबों की खुशबू, नई कक्षा का उत्साह और नए सपनों के साथ फिर से एक नई शुरुआत हो रही है। आज का यह दिन हम सबके लिए विशेष है। मैं आप सभी से कहना चाहता हूँ कि खूब मन लगाकर पढ़िये, जिज्ञासा के साथ प्रश्न पूछिए, उत्तर खोजिए और आगे बढ़िए। आपकी शिक्षा, आपका उज्ज्वल भविष्य हमारी प्राथमिकता है। हमारी सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि अब कोई भी विद्यालय शिक्षक विहीन न रहे। हम हर वह प्रयास कर रहे हैं, जिससे शिक्षा का बेहतर वातावरण बने।
सीएम साय ने कहा कि हमने यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की नई शिक्षा शिक्षा नीति के संकल्पों के अनुरूप बदलाव कर पूरे प्रदेश के भविष्य को संवारने का प्रयास किया है। आप केवल मन लगाकर पढ़िये, बाकी की चिंता मुझ पर छोड़ दीजिये। खूब पढ़ो, आगे बढ़ो और छत्तीसगढ़ के गौरव बनो। आप सभी बच्चों, अभिभावकों और शिक्षकों को नए शैक्षणिक सत्र के लिए हार्दिक शुभकामनाएं। दूसरी ओर, शाला प्रवेश उत्सव पर आज बिलासपुर में डिप्टी सीएम अरुण साव शामिल हुए। पीएम श्री सेजेस कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला सरकंडा में आयोजन हुआ। इसमें विधायक, मेयर सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहें।
बता दें कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेश के सभी जनप्रतिनिधियों को पत्र लिखकर ‘शाला प्रवेश उत्सव’ में सक्रिय भागीदारी की अपील की थी। यह आयोजन राज्य में शिक्षा के क्षेत्र को सशक्त बनाने और शत-प्रतिशत बच्चों का विद्यालयों में नामांकन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया। मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि प्रदेश को शत-प्रतिशत साक्षर बनाने का लक्ष्य चुनौतीपूर्ण अवश्य है, लेकिन यह असंभव नहीं है। उन्होंने कहा कि ‘असंभव को संभव’ बनाने के लिए समाज के हर वर्ग को मिलकर सार्थक प्रयास करने होंगे।