RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ दौरे के दूसरे दिन केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नवा रायपुर में सुकमा में आईईडी विस्फोट में शहीद आकाश राव गिरिपुंजे के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने शोकाकुल परिवार से मुलाकात कर गहरी संवेदना व्यक्त की और उन्हें सांत्वना प्रदान की। इससे पहले नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से पहुंचे बच्चों और युवाओं से से भी शाह मिले। उन्होंने कहा कि जिन मासूम बच्चों के हाथों में नक्सलियों ने कभी बंदूकें थमाई थी। आज उन्हीं हाथों में आज किताबें देकर भविष्य संवारा जा रहा है। बता दें कि शाह का नारायणपुर दौरा रद्द कर दिया गया है, जिससे 23 जून को रायपुर में ही रहे।
अमित शाह ने शहीद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश राव गिरिपुंजे की वीरता और बलिदान की सराहना करते हुए कहा कि उनकी शहादत देश के लिए अविस्मरणीय है। उन्होंने जोर देकर कहा कि देश हमेशा उनके बलिदान का ऋणी रहेगा और उनकी शहादत को कभी व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा। शाह ने शहीद के साहस को प्रेरणादायी बताते हुए उनके योगदान को राष्ट्र के लिए अमूल्य करार दिया। शाह ने शहीद के परिजनों को आश्वासन दिया कि सरकार उनके साथ हर कदम पर खड़ी है। उन्होंने कहा कि सरकार शहीदों के परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और राज्य के गृह मंत्री विजय शर्मा भी उपस्थित थे बता दें कि आकाश राव गिरिपुंजे 42 वर्ष के थे। उनका जन्म 7 फरवरी 1983 को रायपुर में हुआ था। वे रायपुर के ही निवासी थे। 2013 बैच के पुलिस अधिकारी थे। उनके परिवार में पिता गोविंद राव गिरिपुंजे, माता मंदा गिरिपुंजे, पत्नी स्नेहा गिरिपुंजे, बेटा सिद्धांत गिरिपुंजे और बेटी पीहू गिरिपुंजे हैं।
गौरतलब है कि नक्सलियों ने 10 जून को भारत बंद का आह्वान किया था। इससे पहले नक्सलियों ने दहशत फैलाने के लिए खदान में एक JCB में आग लगा दी थी। सूचना मिलने के बाद एएसपी आकाश राव अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे थे। इस दौरान वे खदान में जली हुई JCB के पास गए। जैसे ही वे मशीन के पास पहुंचे, नक्सलियों ने IED ब्लास्ट कर दिया, जिसकी चपेट में तीनों पुलिस अधिकारी आ गए। इस हमले में एएसपी आकाश राव गिरिपुंजे शहीद हो गए।
जिन मासूम हाथों में बंदूकें थीं, अब किताबों से भविष्य संवर रहा
इससे पहले अमित शाह ने सोशल मीडिया पर लिखा- जिन मासूम बच्चों के हाथों में कभी नक्सलियों ने बंदूकें थमा दी थी, आज उनके हाथों में किताबें देकर उनका भविष्य संवारा जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार की लियोर ओयना योजना के अंतर्गत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के बच्चों को रायपुर लाकर उन्हें मुख्यधारा से जोड़, उनका आत्मविश्वास बढ़ाया जा रहा है। आज इस योजना के तहत नवा रायपुर आए बीजापुर के उसूर और गंगालूर विकासखंड के युवाओं से भेंट कर मन आनंदित है।