महावीर राठी
JAIPUR NEWS. राजस्थान में अवैध रूप से या फर्जी तरीके से दस्तावेज बनाकर रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों और रोहिंग्याओं के खिलाफ बीती 30 अप्रैल से राज्य सरकार ने अभियान चला रखा है। प्रदेश पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) की ओर से इस मामले में सभी जिलों में पुलिस को इनको डिटेन करने का काम सौंपा गया था।
सूत्रों के अनुसार, प्रदेश में 900 से अधिक बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को पकड़कर अलग-अलग जिलों में शेल्टर होम्स में रखा गया है। इन्हें एक-दो दिन में पहले हवाई जहाज से पश्चिम बंगाल और वहां से बीएसएफ की देखरेख में बांग्लादेश और म्यांमार भेजा जाएगा।
सवाल यह है कि ये लोग चोरों की तरह भारत में घुसे, फिर फर्जी तरीके से मूल निवास प्रमाण पत्र तक बनवाकर ‘घर वाले’ यानी भारतीय बन गए, तो अब वीआईपी मेहमानों की तरह विमान में क्यों पश्चिम बंगाल भेजे जाएंगे? गौरतलब है कि आपात स्थिति में बाॅर्डर पर जाने वाले हमारे सैनिकों को ट्रेनों में आरक्षण नहीं मिलता, तो भी वे रास्तेभर तकलीफें सहते हुए सफर करते हैं।
पीएचक्यू सूत्रों के अनुसार, सबसे अधिक 394 घुसपैठिए सीकर में मिले हैं। इनके अलावा जयपुर में 218, अलवर में 117, कोटपूतली में 114 और भिवाड़ी में 67 बांग्लादेशी और रोहिंग्या डिटेन हुए हैं। इनमें बच्चे एवं महिलाएं भी शामिल हैं। कुछ लोगों के खिलाफ आपराधिक मामले भी पाए गए हैं।
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इन सभी के पास मिले दस्तावेज फर्जी तरीके से बने पाए गए हैं। यह भी जांच चल रही है कि आखिर ये दस्तावेज किनकी मिलीभगत से तैयार हुए? गौरतलब है कि प्रदेश से ऐसे 148 लोगों को उनके देश लौटाने के लिए बीती 15 मई को ही पश्चिम बंगाल भेजा गया।