NEW DELHI NEWS. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत कार्रवाई के मूड में आ गया है। इसके साथ पाकिस्तान पर लगातार पाबंदियां बढ़ा रहा है। इसके बावजूद पाकिस्तान अपनी गीदड़ भभकी से बाज नहीं आ रहा है। इस बीच, पाकिस्तान के राजदूत मोहम्मद खालिद जमाली का एक बड़ा बयान सामने है। रूस में मोहम्मद खालिद ने कहा है कि अगर भारत पाकिस्तान पर हमला करता है या सिंधु नदी का पानी रोकता है तो पाकिस्तान पारंपरिक ही नहीं, परमाणु हथियार से भी जवाब देगा। बता दें कि भारत के अलावा पाकिस्तान भी परणामु हथियारों से सपन्न है और इसी की लगातार धमकी भी दे रहा है।
अपने बयान के दौरान पाक राजदूत जमाली ने दावा किया कि भारत के सैन्य दस्तावेज लीक हुए हैं, जिनमें पाकिस्तान पर हमले की योजना है। इससे स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान को हमले की आशंका है और वह किसी भी क्षण प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार है। दरअसल, भारत ने पहलगाम हमले के बाद सिंधु जल संधि खत्म कर दी है। इसके अलावा भी कई पाबंदियां लगा दी है। इसकी वजह से पाकिस्तान की सरकार बौखलाए हुए हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता से हुई सिंधु जल संधि अब तनाव का केंद्र बन गई है।
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पाकिस्तान का कहना है कि अगर भारत निचले क्षेत्रों में पानी रोकता है या उसकी धारा मोड़ता है तो यह एक्ट ऑफ वॉर माना जाएगा। भारत ने इस संधि की समीक्षा के संकेत दिए हैं, खासकर तब जब पाकिस्तान की ओर से बार-बार आतंकवाद को समर्थन मिल रहा है। इस संदर्भ में पानी अब सिर्फ संसाधन नहीं, रणनीतिक हथियार बन गया है। जमाली ने एक बार फिर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शरीफ की बातों को दोहराते हुए कहा कि दोनों देशों के पास परमाणु भंडार है, इसलिए दोनों के बीच तनाव कम होना बहुत जरूरी है। उन्होंने इस मुद्दे पर चीन और रूस से सहयोग की उम्मीद जताते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जांच की मांग की है।
रूस में जमाली ने स्वीकार किया कि दोनों देश परमाणु शक्ति संपन्न हैं और ऐसे में तनाव बढ़ना समूचे दक्षिण एशिया को खतरे में डाल सकता है। उन्होंने कश्मीर हमले की निष्पक्ष अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की और कहा कि इसमें रूस और चीन की भूमिका हो सकती है. हालांकि भारत पाकिस्तान की इस मांग को खारिज कर चुका है। बा दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने न केवल भारत को झकझोर दिया बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता को भी गहरा आघात पहुंचाया।
इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई, जिससे पूरे देश में रोष और शोक की लहर दौड़ गई। यह हमला ऐसे समय पर हुआ जब भारत पहले से ही सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव झेल रहा था। भारत सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों सेनाओं को आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की खुली छूट दी। इसके साथ ही उन्होंने आतंकियों और उनके समर्थकों को भी चेतावनी दी कि भारत अब रक्षात्मक नहीं, आक्रामक नीति अपनाएगा। बता दें कि अभी तक दोनों देशों ने सैन्य कार्रवाई नहीं की है।
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