NEW DLEHI NEWS. पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में खटास बढ़ती ही जा रही है। अपने बयानबाजीसे भी पाकिस्तान पूरी दुनिया में किरकिरी करा रहा है। इस बीच, पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने पाकिस्तानी संसद में इस बात को बेशर्मी के साथ कुबूल किया है कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) प्रस्ताव से पहलगाम आतंकी हमले के जिम्मेदार आतंकी संगठन TRF का नाम हटवाया था।
दरअसल, TRF, लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा एक आतंकी संगठन है जिसने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है। सबसे बड़ी बात यह है कि भारत ने पहलगाम हमले के लिए टीआरएफ को जिम्मेदार नहीं ठहराया था, बल्कि खुद टीआरएफ ने हमले के जिम्मेदारी ली थी। इसके बावजूद पाकिस्तान ने UNSC की ओर से भेजे गए प्रस्ताव से टीआरएफ का नाम हटवाया है। पाकिस्तान फिलहाल UNSC के 10 सदस्यों में शामिल है, जो दो-दो साल के लिए चुने जाते हैं।
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संसद में बोलते हुए इशाक डार ने कहा कि UNSC की ओर से पहलगाम में हुए आतंकी हमले से जुड़ा एक निंदा प्रस्ताव आया था और उसमे सिर्फ पहलगाम का जिक्र था, जम्मू-कश्मीर का नहीं। इस पर पाकिस्तान की ओर से आपत्ति जताई गई। पाक विदेश मंत्री ने कहा कि प्रस्ताव में TRF को इस हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था। पाकिस्तान को यह प्रस्ताव मंजूर नहीं था और हमने बदलाव किए बगैर प्रस्ताव पर साइन करने से इनकार कर दिया।
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विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा कि हमने यूएन में अपने स्थाई प्रतिनिधि से कहा कि आप इस प्रस्ताव का विरोध करें और पहलगाम के साथ जम्मू-कश्मीर का नाम लिखवाएं, साथ ही टीआरएफ का नाम प्रस्ताव से हटवाएं। इशाक डार ने दावा करते हुए कहा कि इसके बाद कई देशों से उनके पास फोन आए और कहा गया कि आप प्रस्ताव को क्यों बदलवा रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान अड़ा रहा और प्रस्ताव को बदलवाया।
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वहीं, पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा कि अगर टीआरएफ इस हमले में शामिल है तो उसके क्या सबूत हैं। बगैर सबूत को संगठन का नाम प्रस्ताव में नहीं आना चाहिए था। इशाक डार ने दावा किया टीआरएफ ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। मंत्री अपने बयान में आतंकी संगठन को बचाने की पूरी कोशिश करते दिखे।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से कोई प्रस्ताव जारी होने पर सदस्य देशों की सहमति जरूरी होती है और इस नियम का इस्तेमाल पाकिस्तान ने आतंकियों को बचाने के लिए किया है। कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन द रेजिस्टेंट फ्रेंट (TRF) ने ली है।
यह संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है। टीआरएफ ने इस हमले के लिए अपने खास टेरर मॉड्यूल्स फॉल्कन स्क्वाड की मदद ली थी, जिसे बेहद खूंखार माना जाता है। फाल्कन स्क्वाड कोई सीधा ग्रुप नहीं, बल्कि टैक्निकल टैरर मॉड्यूल है। इसका मतलब है कि छोटे-छोटे ग्रुप किसी खास मिशन के लिए तैयार होते हैं और फिर खत्म हो जाते हैं या चेहरा बदल लेते हैं।