NEW DELHI NEWS. पहलगाम आतंकी हमले के बाद से भारत सरकार कार्रवाई के मूड में आ गया है। इस हमले के बाद मोदी सरकार ने पाकिस्तान से सभी तरह के रिश्ते खत्म करने की बात कह चुके है। पाकिस्तान से सिंधु समझौता के अलावा वीजा भी रद्द कर दिया गया है। इससे अब आतंकी संगठन भी दहशत में आ गए हैं। लश्कर कमांडर सैफुल्लाह ने हमले की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया था। इसके बाद अब द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने भी बयान जारी कर पहलगाम हमले से पल्ला झाड़ लिया है।
आतंकी संगठन ने एक पोस्ट जारी कर कहा कि द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) पहलगाम की घटना में किसी भी तरह की संलिप्तता से साफ इनकार करता है। TRF को हमले के लिए जिम्मेदार ठहराना गलत है। ये जल्दबाजी में लिया गया फैसला है। यह कश्मीरी प्रतिरोध को बदनाम करने के लिए एक सुनियोजित अभियान का हिस्सा है। TRF ने पोस्ट में लिखा कि पहलगाम में हमले के तुरंत बाद हमारे डिजिटल प्लेटफॉर्म से झूठा मैसेज पोस्ट किया गया था।
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जांच के बाद पता चला कि यह साइबर अटैक की वजह से पोस्ट किया गया था। हम उल्लंघन का पता लगाने के लिए पूरी जांच कर रहे हैं। इतना ही नहीं आतंकी संगठन ने इस साइबर अटैक का जिम्मेदार भी भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को ठहरा दिया। आतंकी हमले के बाद लश्कर ए तैयबा के डिप्टी कमांडर सैफुल्लाह कसूरी का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें उसने आतंकी हमले से खुद को जिम्मेदार मानने से इंकार कर दिया था।
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वीडियो में उसने कहा था कि हम इस हमले की निंदा करते हैं। इसका हमसे कोई लेना-देना नहीं है। भारत की मीडिया और सरकार ने बिना प्रमाण हमें और पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहरा दिया, यह एक साजिश है। इतना ही नहीं, उसने भारत को जंगी दुश्मन बताते हुए कहा कि भारत पाकिस्तान को तबाह करना चाहता है। उसने कश्मीर में 10 लाख फौज भेजकर जंग का माहौल बना दिया है।
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कसूरी के इस बयान को डैमेज कंट्रोल की कोशिश माना जा रहा है, जिससे पाकिस्तान और आतंकी संगठनों पर बने अंतरराष्ट्रीय दबाव को कम किया जा सके। कसूरी का कहना है कि भारत ने खुद ही पहलगाम में हमला करवाया है और वही इसका जिम्मेदार है। यह उसकी साजिश है।
बता दें कि पहलगाम आतंकी हमला 22 अप्रैल को हुआ था. हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें 2 विदेश नागरिक भी शामिल है। घटना के तुरंत बाद सरकार हरकत में आ गई थी। उन्होंने तुरंत आरोपी आतंकवादियों को पकड़ने के लिए सुरक्षा बैठक की गई, जिसमें पीएम मोदी ने अधिकारियों को निर्देश दिए।
बता दें कि पीएम मोदी सऊदी अरब का दौरा बीच में ही छोड़कर वापस लौट आए थे, जिसके बाद उन्होंने एयरपोर्ट पर ही विदेश मंत्री एस जयशंकर और NSA प्रमुख अजीत डोभाल से बातचीत की थी।