MANEDRAGARH NEWS. प्रसिद्ध अमृतधारा जलप्रपात में दो लोगों के डूबने से मौत के बाद प्रशासन ने सख्त फैसला लिया है। इसके अनुसार जलप्रपात में प्रवेश, सेल्फी लेने और नहाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। जलप्रपात के निचले और खाई से लगे ऊपरी हिस्से को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया गया है। लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर यह निर्णय लिया गया है। कल 2 लोगों की डूबने से मौत हो गई थी। इसके पहले भी कई हादसे हो चुके हैं।
विकासखंड मनेन्द्रगढ़ के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल अमृतधारा जलप्रपात में लगातार हो रही दुर्घटनाओं को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने एक बड़ा और सख्त फैसला लिया है। अनुविभागीय दण्डाधिकारी लिंगराज सिदार द्वारा जारी आदेश के तहत जलप्रपात के निचले हिस्से और खाई से लगे ऊपरी हिस्से को अब प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर दिया गया है।
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जारी आदेश के अनुसार, इन क्षेत्रों में किसी भी प्रकार का आवागमन, सेल्फी लेना और नहाना पूर्णतः वर्जित रहेगा। यह फैसला लोक सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया है, क्योंकि झरने के नीचे उतरने और नहाने के दौरान कई पर्यटकों की डूबने से मौत हो चुकी है।
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अमृतधारा जलप्रपात राष्ट्रीय राजमार्ग 43 से मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण यह स्थान देश-भर से पर्यटकों को आकर्षित करता है। किंतु बीते कुछ वर्षों में यहां लगातार हादसे हो रहे हैं, जिनमें जनहानि की गंभीर घटनाएं सामने आई हैं।
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प्रशासन ने सख्त लहजे में स्पष्ट किया है कि प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश या आदेश का उल्लंघन करने पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। यह आदेश आगामी आदेश तक प्रभावशील रहेगा। पर्यटकों से अपील है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और अपने तथा दूसरों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें।
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बता दें कि मनेन्द्रगढ़ स्थित अमृतधारा जलप्रपात में सोमवार को दो अधिकारियों की डूबने से मौत हो गई थी। दोनों अधिकारी दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने के लिए जलप्रपात पहुंचे थे, तभी नहाते समय दोनों डूब गए थे। मृतकों की पहचान हल्दीबाड़ी माइंस में अंडर मैनेजर के रूप में कार्यरत होने के रूप में हुई है। दोनों अधिकारी जलप्रपात में नहाने के दौरान अचानक पानी के तेज बहाव में बह गए, जिससे वे डूब गए थे। इसके बाद प्रशासन ने ऐसा फैसला लिया है।