WASHINGTON NEWS. रूस के साथ चल रहे युद्ध के बीच यूक्रेन का बड़ा झटका लगा है। दरअसल, अमेरिका में हाल में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच चर्चा के तीखी नोकझोंक हुई थी, जिसके बाद ट्रम्प ने कड़ा फैसला लेते हुए यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य मदद रोकने के निर्देश दे दिए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है। ऐसी मदद जो अमेरिका से अभी तक यूक्रेन नहीं पहुंची है, उसे भी रोक दिया गया है।
इस आदेश से पहले ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा है कि जेलेंस्की नहीं चाहते कि जब तक उन्हें अमेरिका का समर्थन हासिल है, तब तक शांति हो। यह जेलेंस्की की तरफ से दिया गया सबसे खराब बयान है। अमेरिका इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। यूक्रेन को सैन्य मदद रोके जाने को लेकर फिलहाल अमेरिकी रक्षा विभाग और राष्ट्रपति ट्रम्प ने कोई टिप्पणी नहीं की है।
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रक्षा विभाग के एक अधिकारी के हवाले से बताया है कि राष्ट्रपति ट्रम्प इस बात की समीक्षा कर रहे हैं कि क्या जेलेंस्की रूस के साथ शांति कायम करना भी चाहते हैं या नहीं। ट्रम्प प्रशासन के एक अधिकारी ने फॉक्स न्यूज से कहा कि यह मदद स्थायी तौर पर नहीं रोकी गई है।
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बाइडेन प्रशासन ने 20 जनवरी को एक बयान में कहा कि उसने फरवरी 2022 से यूक्रेन को 65.9 बिलियन डॉलर की सैन्य मदद दी है। इन सैन्य मदद मिसाइलों से लेकर लैंडमाइंस तक शामिल हैं। अमेरिकी मदद के बिना यूक्रेन का रूस के सामने 3 साल से भी ज्यादा समय तक टिक जाना नामुमकिन था।
अमेरिका ने यूक्रेन को 3 पैट्रियट मिसाइल सिस्टम दिए। पैट्रियट दुनिया के सबसे भरोसेमंद मिसाइल सिस्टम में से एक है। इसकी मिसाइलें 70 किलोमीटर दूर और 24 किलोमीटर की ऊंचाई पर भी दुश्मन के हमले को नाकाम कर सकता है। यूक्रेन ने इसी की मदद से नवंबर में रूस के 7 हाइपरसोनिक किंजल और एक जिरकॉन मिसाइल को मार गिराया था।
अमेरिका की तरफ से यूक्रेन को नैसेम्स मिसाइलें यानी नेशनल एडवांस्ड सर्फेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम भी दिया है। नैसेम्स मिसाइलों ने रूस की तरफ से यूक्रेन में किए जा रहे हवाई हमलों से यूक्रेन को सेफ किया था। पैट्रियट और नैसेम्स की वजह से ही यूक्रेन की राजधानी कीव समेत कई प्रमुख शहर रूसी मिसाइल और हवाई हमलों से बचे हुए हैं।
यूक्रेन जंग में सबसे ज्यादा जेवलिन एंटी टैंक मिसाइल का इस्तेमाल हुआ है। यूक्रेन को अब तक 10,000 से ज्यादा जेवलिन मिसाइलें दी जा चुकी हैं। जेवलिन एंटी टैंक मिसाइल ने रूसी बख्तरबंद गाड़ियों को भारी नुकसान पहुंचाया। इसकी वजह से ही रूसी टैंक, यूक्रेनी सीमा के बहुत ज्यादा भीतर नहीं घुस पाईं।