RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र जारी है। 11वें दिन अलग-अलग मुद्दों को लेकर सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। विपक्ष सरकार के खिलाफ स्थगन प्रस्ताव लाया। इसमें सरकार द्वार 40 लाख मीट्रिक टन धान के नीलाम करने की तैयारी पर सवाल उठाए।
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इस मामले में विपक्ष का कहना था कि इससे सरकार को 8 हजार करोड़ का घाटा होगा। कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने कहा कि जब पंजाब में आप की सरकार है, तो वहां नीलामी की नौबत नहीं आई, लेकिन छत्तीसगढ़ में डबल इंजन सरकार होने के बावजूद यह स्थिति क्यों आई?”
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सरकार को केंद्रीय पूल में चावल जमा कराने का प्रयास करना चाहिए। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, “सरकार ने खुद स्वीकार किया है कि 47 लाख मीट्रिक टन धान का निराकरण नहीं कर पाएगी। यह सच है और इसे मानना चाहिए।”
विधानसभा अध्यक्ष ने स्थगन प्रस्ताव को पढ़कर सुनाया और उनके निर्देश पर मंत्री ने जवाब दिया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने इसे अस्वीकार कर दिया। इससे नाराज विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी और सभी सदस्य गर्भगृह की ओर बढ़ गए।
गर्भगृह में पहुंचने के बाद सभी 34 सदस्य स्वत: निलंबित हो गए। इसके बाद सभी सदन से बाहर हो गए। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ने निलंबन को बहाल कर दिया और कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी। जिसके बाद दोबारा सदन की कार्रवाही शुरू हुई।
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केंद्रीय पूल में चावल उठाव का मुद्दा गूंजा
प्रश्नकाल के दौरान केंद्रीय पूल में चावल उठाव का मुद्दा भी गूंजा। भूपेश बघेल ने खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल से एक के बाद एक कई सवाल पूछे। मंत्री दयाल दास बघेल ने कहा कि इस साल केंद्रीय पूल में 69.72 लाख मीट्रिक टन चावल जमा होना है। अब तक 6.58 लाख मीट्रिक टन चावल जमा किया जा चुका है। करीब 60 लाख मीट्रिक टन चावल जमा होना शेष है। बचे धान का निराकरण शासन स्तर पर किया जाएगा।
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