WASHINGTON NEWS. अमेरिका में ट्रम्प सरकार बनने के बाद भारतीयों की परेशानी बढ़ती ही जा रही है। इस बीच, ग्रीन कार्ड पर उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा कि ग्रीन कार्ड का मतलब यह नहीं है कि अमेरिका में कोई भी विदेशी अनिश्चितकाल के लिए बस सकता है। उन्होंने कहा कि यह अमेरिका में हमेशा रहने की गारंटी नहीं देता। वेंस के इस बयान से अमेरिका में रहने वाले भारतीयों समेत दूसरे विदेशियों की चिंता बढ़ा दी है।
अमेरिका में एक इंटरव्यू में जेडी वेंस ने कहा कि ग्रीन कार्ड धारक के पास अमेरिका में रहने का अनिश्चितकालीन अधिकार नहीं है। यह कोई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता वाली चीज नहीं है, यह राष्ट्रीय सुरक्षा का विषय है। यह इस बारे में है कि हम अमेरिकी नागरिक के तौर पर किसे अपने राष्ट्रीय समुदाय में शामिल करने का निर्णय लेते हैं।
ये भी पढ़ें: भिलाई: सड़क हादसे में BJP महिला मोर्चा अध्यक्ष स्वीटी कौशिक की बेटी की मौत…जानिए कैसे हुआ हादसा
अगर विदेश मंत्री और राष्ट्रपति तय करते हैं कि इस व्यक्ति को अमेरिका में नहीं रहना चाहिए तो उस व्यक्ति को यहां रहने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। यह ग्रीन कार्ड का सामान्य अर्थ है। दरअसल, वेंस का यह बयान कोलंबिया यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट और ग्रीन कार्ड धारक छात्र महमूद खलील की गिरफ्तारी के जवाब में आया है।
ये भी पढ़ें: भिलाई: सड़क हादसे में BJP महिला मोर्चा अध्यक्ष स्वीटी कौशिक की बेटी की मौत…जानिए कैसे हुआ हादसा
खलील को इजरायल-हमास युद्ध के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में उसकी भूमिका के लिए हिरासत में लिया गया था। ग्रीन कार्ड एक तरह से अमेरिका का स्थायी निवासी कार्ड है, जो आधिकारिक तौर पर विदेशी नागरिकों को अमेरिका में रहने और काम करने की अनुमति देता है।
ये भी पढ़ें: SBI में इतने पदों पर भर्ती होगी, रिटायर्ड ऑफिसर्स को भी मिलेगा मौका, सैलरी 1 लाख से ज्यादा
इसी के आधार पर प्रवासी लोग अमेरिका की नागरिकता के लिए भी आवेदन कर सकते हैं. ग्रीन कार्ड के सहारे अमेरिका में बड़ी संख्या में भारतीय लोग रहते हैं. अमेरिका में करीब 28 लाख भारतीयों के पास ग्रीन कार्ड है। डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद से अमेरिका में प्रवासियों पर सख्ती बढ़ी है। अवैध प्रवासियों को जहां सैन्य विमान में भर-भर के उनके देश छोड़ा जा रहा है।
ये भी पढ़ें: Fraud से बचना है तो तुरंत डिलीट कर दें मोबाइल से ये मैसेज, FBI का अलर्ट के साथ चेतावनी भी
वहीं वैध प्रवासियों को भी अमेरिका में रहने के लिए वीजा से लेकर ग्रीन कार्ड तक पर हो रही सख्ती से गुजरना पड़ रहा है। अब तक यह साफ हो चुका है कि ट्रंप के कार्यकाल में यानी अगले चार साल तक अमेरिका में स्थायी या अस्थायी तौर पर रहना और वहां की नागरिकता हासिल करना इतनी आसान प्रक्रिया नहीं रहने वाली है।