DHAMTARI NEWS. वैसे तो रंगों का त्यौहार होली आने वाले 14 मार्च को पूरे देश में मनाया गया। लेकिन अपने अनोखे दस्तूर के चलते धमतरी के सेमरा गांव के लोगों ने आज यानी रविवार को ही होली मना ली। कुछ दिन पहले त्यौहार मनाने सदियों की इस परम्परा को मौजूदा पीढ़ी भी आगे बढा रही है। अब वो पर्व चाहे दिवाली का हो या फिर दशहरा का। ऐसा आस्था नहीं अधंविश्वास के चलते भी हो सकता है।
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बताया जाता है कि इस लकीर को तोड़ने की जुर्रत करने पर कोई ना कोई अनहोनी जरूर होती है। बावजूद इसके दीगर जगहों से अलहदा त्यौहार मनाने का ये तरीका अब इस गांव की पहचान बन चुका है। इसे देखने हर मौके पर लोग दूर दूर से आते हैं।
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वक्त जरूर बदला लेकिन धमतरी से करीब 22 किमी दूर सेमरा गांव में दस्तूर आज भी कायम है। जी, हाँ सेमरा गांव में होली रविवार को मनाई जा रही है। गांव के घर-घर उड़ रहे रंग गुलाल और नगाड़े से गूंज उठी फिजां। इस गांव में होली से पहले ही त्यौहार मनाने का अनोखा दस्तूर है, अब वो चाहे दिवाली का हो या फिर दशहरा का।
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इस दस्तूर के अतीत में एक दास्तां छिपी है। इसमें कहा गया है कि कि सदियों पहले गांव के देवता सिदार ने सपने में कहा था कि हर त्यौहार मनाने के पहले उन्हे हूमधूप देना जरूरी है। इसके चलते आज भी गांव के लोग अपने गांव के देवता को खुश करने हर त्यौहार कुछ दिन पहले मनाते आ रहे हैं, जो अब एक परम्परा बन गई है।
भले ही आज के जमाने के लोग इस पर यकीन ना करें, लेकिन बताया जाता है कि ऐसा नहीं करने से उन पर आफत आ सकती है। जबकि सदियों से चली आ रही इस परम्परा को युवा वर्ग भी अन्धविश्वास के बजाए आस्था से जोड़कर देखता है। और इसे आगे संजाए रखने का यकीन दिलाता है। उनकी मानें इसी दस्तूर के बहाने उन्हें अपने रिश्तेदारों से मिलने और मेहमाननवाजी का मौका मिल जाता है। जो यहां त्यौहार देखने आते हैं।
वैसे तिथि से पहले त्यौहार मनाऐ जाने की वजह से ये गांव भी काफी मशहूर हो गया है। तिथि से पहले त्यौहार का आयोजन देखने लोग दूरदराज से आते हैं। त्यौहार के तौर तरीकों के बारे में इस गांव की महिलाओं का कहना है कि दीगर जगहों की तरह ही अलसुबह से वे इसकी तैयारी में लग जाती हैं। शाम तक उनका घर सज संवर जाता है। बाद इसके पूजापाठ के साथ पूरा परिवार और गांव खुशी के उत्सव में शामिल हो जाता है।
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