RAIPUR NEWS. अश्लील सीडी कांड एक बार फिर चर्चा में है। दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बरी (उन्मोचित) करने वाले फैसले के खिलाफ सीबीआई ने रिविजन फाइल की है। डीजे कोर्ट में इसकी अर्जी लगाई गई थी। उन्होंने सीबीआई कोर्ट में केस ट्रांसफर कर दिया है। यहां स्पेशल कोर्ट के दिए फैसले के खिलाफ सीबीआई अपना पक्ष रखेगी। इस बीच, चर्चा है कि सीबीआई इसमें सरकारी गवाह बने एक मीडिया हाउस का बयान सामने रखने वाली है, जिन्होंने बयान दिया है कि तत्कालीन पीसीसी चीफ भूपेश बघेल ने अपने सरकारी आवास पर 27 अक्टूबर की सुबह 6 बजे कांफ्रेंस की थी।
इसी दौरान उन्होंने सीडी बांटी थी। उसी सीडी में अश्लील क्लिपिंग थी। उसी सीडी की क्लिपिंग को चैनल में चलाया गया था। चैनल के दफ्तर से पुलिस ने वह सीडी जब्त की थी। इसी को आधार बनाकर कोर्ट के फैसले को सीबीआई चुनौती देने वाली है। जानकारी के अनुसार सीबीआई की ओर से दाखिल किए गए रिवीजन फाइल पर बहस होगी, यदि सीबीआई की विशेष कोर्ट इस रिवीजन को स्वीकार कर लेता है तो भूपेश बघेल को कोर्ट में उपस्थित होने नोटिस जारी किया जायेगा।
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इसके बाद इस मामले की नए सिरे से सुनवाई होगी। गौरतलब है कि अश्लील सीडी कांड मामले में पिछले हफ्ते पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विनोद वर्मा और कैलाश मुरारका सीबीआई की विशेष अदालत में दूसरी बार पेश हुए थे। भूपेश बघेल की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष दत्त ने कोर्ट में दलील रखते हुए कहा कि बघेल को झूठे मामले में फंसाया गया है।
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सीबीआई ये तथ्य भी रखने वाली है कि इस साजिश में भूपेश शामिल थे। प्लानिंग के तहत घटना के पहले कारोबारी विजय भाटिया से मिलने दिल्ली गए, जहां होटल में विनोद वर्मा और कैलाश मुरारका से मुलाकात की। यहीं पर सीडी को 500 से ज्यादा कॉपी कराकर बांटने का फैसला किया गया। सीडी कॉपी होकर होटल में आई।
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इसकी कुछ कॉपी विजय भाटिया के साथ भूपेश लेकर रायपुर आए। इसे कांफ्रेंस में बांटा गया था। हालांकि बचाव पक्ष के वकील इन तथ्यों का पहले ही विरोध कर चुके हैं। उन्होंने दलील में बहुत सारे तथ्य रखे हैं, जिसके आधार पर कोर्ट ने भूपेश को केस से मुक्त कर दिया है।