माधव राजा
LALITPUR NEWS. ललितपुर जिले में करीब 19 माह पहले हुए ब्लाइंड मर्डर केस में चौकाने वाला खुलासा सामने आया है। इस अंधे हत्याकांड का खुलासा करते हुए पुलिस ने एक आरोपी को पकड़ा है। 19 माह पहले लापता युवक का एक खेत में मिला था कंकाल, हकीकत सामने आते ही नगर में चर्चाओं का बाजार गर्म।
ललितपुर के थाना मड़ावरा अन्तर्गत ग्राम बम्होरीकला में एक किसान के खेत में नर कंकाल मिला था। सूचना मिलने पर पुलिस ने कंकाल को कब्जे में लेकर शिनाख्त के लिए फॉरेन्सिक के लिए भेज दिया था। जब फॉरेन्सिक रिपोर्ट आई तो पता चला कि वह कंकाल गांव के ही प्रताप सिंह का था।
पुलिस ने इस मामले में छानबीन की तो पता चला कि मृतक शराब पीने का आदि था, इस कारण वह आए दिन अपनी पत्नी के साथ मारपीट करता था। पुलिस के अनुसार मृतक की पत्नी किसी अन्य व्यक्ति से फोन पर बात करती थाी। उसने ही इस घटना को अंजाम दिया।
21 जून को मिला था नरकंकाल
बताया गयाा कि 21 जून 2023 को बम्होरीकला निवासी कुन्जी पुत्र लटकन के खेत पर प्रताप सिंह का नरकंकाल व कपड़े मिले थे। इसके बाद थाना मड़ावरा में मृतक के परिजनों ने पुत्र की हत्या कर शव को छिपा देने की सूचना दी थी। पुलिस अधीक्षक मो. मुस्ताक ने इस मामले के खुलासे के लिए 6 टीमों का गठन किया था।
आरोपी तक कैसे पहुंची पुलिस
पुलिस ने नरकंकाल का डीएनए सैम्पल व मृतक प्रताप के माता पिता का ब्लड सैम्पल विधि विज्ञान प्रयोगशाला मिलान हेतु भेजा था। प्राप्त डीएनए रिपोर्ट से नरकंकाल डीएनए प्रताप के माता पिता से मिलान पाया गया। पुलिस विवेचना के दौरान गठित टीमों ने के सैकड़ों लोगों से बात की। मृतक के परिजनों, मित्रों व रिश्तेदारों से भी बात की गई। छानबीन में उजवल लोधी पुत्र नत्थू लोधी निवासी ग्राम बम्हौरीकला थाना मडावरा जिला ललितपुर का नाम प्रकाश में आया था।
क्या कहा आरोपी ने
पुलिस की पूंछताछ में आरोपी उजवल लोधी पुत्र नत्थू निवासी बम्होरीकला ने बताया कि मृतक प्रताप उसके चाचा हरिसिंह का लड़का था और वह शराब पीने का आदी था। प्रताप शराब के नशे में अपनी पत्नी आरती को मारता पीटता था। इस कारण उसके घर पर अक्सर लड़ाई झगड़ा होता रहता था। उसने बताया कि प्रताप उसके यहां मजदूरी करता था। कभी-कभी प्रताप की पत्नी आरती उसके घर आती जाती थी।
आरती प्रताप से काफी परेशान रहती थी और प्रताप जो कुछ भी कमाता था वह शराब पीने में खर्च कर देता था। इस कारण आरती उससे पैसे मांगने आती थी। आरती से उसकी लगातार बात भी होती थी, जिससे उसकी नजदीकियां भी बढ़ गई थी । जब प्रताप आरती को शराब के नशे में मारता पीटता था तो मुझे बहुत बुरा लगता था। इस कारण प्रताप के प्रति मेरे मन में गुस्सा भी रहता था। विगत 11 जून 2023 की रात प्रताप ने काफी शराब पी रखी थी। शराब के नशे में प्रताप अपनी पत्नी आरती से लड़ाई कर रहा था।
उसी समय मैं प्रताप के घर के सामने से निकल रहा था तो मैंने सुना कि प्रताप आरती को गाली दे रहा है और लड़ाई झगड़ा कर रहा है। कुछ देर बाद प्रताप घर से निकल गया। मैंने देखा कि प्रताप लाल सिंह के साथ कलारी में बैठ कर शराब पी रहा था। कुछ देर बाद मैं कलारी पहुंचा तो देखा कि प्रताप वहां नहीं था।
मैंने वहाँ लोगों से पूछा तो पता चला कि वह खेतों की ओर गया है। मैं भी खेतों की तरफ आया तो प्रताप, कुंजी अहिरवार के खेत के पास खड़ा था। मैंने उससे बात करते हुए पूछा कि क्यों तुम अपनी पत्नी से लड़ाई करते हो। उसने कहा कि तुम कौन होते हो मेरी पत्नी के बारे में पूछने वाले और वही मुझे धक्का देकर गाली देने लगा।
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इसी बात पर हम दोनों के बीच झगड़ा शुरू हो गया। प्रताप नशे में था, मैंने गुस्से में आकर प्रताप का गलती से गला दबा दिया। इससे अचानक उसकी मृत्यु हो गई। मैं काफी डर गया और सोचा कि अब तो मैं फस जाऊंगा तो मैं रात्रि में ही अपने घर से नमक व बाथरूम साफ करने वाले तेजाब की बोतल लेकर आया और कुन्जी अहिरवार के खेत के पास झाड़ियों में खुदी मिट्टी में प्रताप के शव के ऊपर तेजाब व नमक डालकर मिट्टी से ढंक दिया और घर चला गया।
अगले दिन प्रताप के परिवार वाले उसको ढूंढ रहे थे। मैं भी उसे ढूंढने का नाटक करता रहा, ताकि किसी को कोई शक न हो सके। 21 जून की सुबह जब प्रताप का कंकाल मिलने की सूचना गांव वालो से मुझे मिली तो मैं भी मौके पर पहुँचा। मैंने तो सोचा था कि प्रताप का शव गल गया होगा, लेकिन जंगली जानवर और कुत्ते उसके शव के टुकड़ों को घसीटकर खेतों में ले आये, मैं चुपचाप लोगों के साथ देखता रहा। बाद में जब प्रताप के पिता ने थाने में केहर, देवेन्द्र व उजबक के खिलाफ मुकदमा लिखवा दिया तो मुझे लगा कि अब मैं बच जाउंगा।
पुलिस टीम को किया सम्मानित
पुलिस की इस कार्रवाई के चलते ललितपुर पुलिस अधीक्षक मो. मुस्ताक ने आरोपी को गिरफ्तार करने वाली टीम को 25 हजार रुपए की नगद राशि देकर सम्मानित किया।