NEW DELHI NEWS. भारतीय मूल के अरबपति पंकज ओसवाल की बेटी वसुंधरा ओसवाल ने आरोप लगाया है कि उनके साथ मानवाधिकारों का उल्लंघन किया गया है। ऐसा तब हुआ जब वो युगांडा की जेल में बंद थीं। 26 वर्षीय वसुंधरा तीन सप्ताह तक जेल में रहीं। आपको बता दें, वसुंधरा पर अपने पिता के पूर्व कर्मचारी मुकेश मेनारिया के अपहरण और हत्या का आरोप लगाया गया था। हालाँकि जांच में यह आरोप झूठा साबित हुआ । मुकेश तंजानिया में जीवित पाया गया।
वसुंधरा ने बताया कि पुलिस ने मुझे पांच दिन के लिए हिरासत में लिया था, लेकिन उनको दो हफ्ते तक जेल में बंद रखा गया था। इस दौरान उन्हें न तो खाना दिया जा रहा था और न ही नहाने के लिए पानी। मुझे भोजन, पानी और अन्य बुनियादी आवश्यकताएं उपलब्ध कराने के लिए उसके पिता को वकीलों के माध्यम से पुलिस अधिकारियों को रिश्वत देनी पड़ी।
वसुंधरा का कहना कि बिना किसी वारंट के पुलिस ने उनके घर की तलाशी ली थी। जब उन्होंने पुलिस को वारंट दिखाने को कहा तो पुरुष अधिकारी ने मुझे उठाया और पुलिस वैन के अंदर पटक दिया। यहाँ तक कि आपराधिक वकील के बिना उनको बयान देने के लिए मजबूर किया गया था। उनसे अपना पासपोर्ट जमा कराने और 30,000 अमेरिकी डॉलर देने को कहा गया।
वसुंधरा ने कहा कि बिना शर्त रिहाई का आदेश मिलने के बाद भी पुलिस ने उन्हें 72 घंटे तक जबरन जेल में रखा। 10 अक्टूबर को मेनारिया के जीवित होने की जानकारी मिलने के बाद भी उन्हें दो सप्ताह तक जमानत नहीं दी गई तह थी।
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