MIRZAPUR NEWS. उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के ऐतिहासिक रामजानकी मन्दिर से पुजारी ने ही चोरी की थी। चोरी की इस वारदात में समाजवादी पार्टी का नेता व सुनार भी शामिल था। खुलासा होने पर पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया व आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
मिर्जापुर के ऐतिहासिक रामजानकी मन्दिर से 14 जनवरी को मूर्तिं चोरी हो गई थीं। मिर्जापुर के पड़री थाना क्षेत्र के कठिनी स्थित इस ऐतिहासिक मन्दिर के पुजारी वंशीदास ने पड़री थाने में तहरीर देकर मामला दर्ज कराया था।
रामजानकी मन्दिर की ऐतिहासिकता के चलते लोगों में मन्दिर को लेकर आस्था है। और मूर्तियों के अष्ट धातु की हैं। ऐसे में पुलिस ने चोरी काण्ड का खुलासा करने के लिए जाँच में तेजी की। जाँच के दौरान मन्दिर के पुजारी से पूछताछ की गई।
पूछताछ में खुलासा हुआ कि मन्दिर से मूर्ति चोरी करने वाला मन्दिर का पुजारी वंशीदास गुरू ही था। उसने अपना अलग मठ बनाने के लिए अपने साथियों से मिलकर मन्दिर से मूर्तिं चोरी की थी।
पुलिस पूछताछ में पुजारी ने बताया कि मन्दिर के मालिकाना हक को लेकर महाराज जयराम दास सतुआ बाबा के बीच विवाद चल रहा था। जयराम दास ने विवाद खत्म होने के बाद पुजारी को सम्पत्ति देने की बात कही थी। बताया कि वायदा करने के बाद जयराम दास बाबा यह गद्दी पुजारी को देने के बजाय अपने भतीजे को देना चाहते थे।
इस पर पुजारी वंशीदास बाबा ने सपा नेता प्रयागराज समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के राष्ट्रीय सचिव व प्रयागराज के पूर्व जिला पंचायत सदस्य रामबहादुर पाल और उनके ड्राइवर लवकुश पाल, मुकेश कुमार सोनी को बुलाकर मूर्तियां दिखाईं। जब मूर्तिं अष्टधातु की निकलीं, तो मूर्तियों को मन्दिर से चुराकर हैमाई पहाड़ी मन्दिर में छिपा दिया। जब वह मूर्तियां लेने गए, तो पुलिस ने उन्हें दबोच लिया।
बताते चलें कि थाना पड़री के ग्राम कठिनाई में राम जानकी मन्दिर में चोरी हुई मूर्तियां अष्टधातु की है। अनुमान के मुताबिक मूर्तियों की कीमत लगभग तीस करोड़ रुपये आंकी गई है। आरोपी ने पहले सुनार को बुलाकर मूर्तियों की जांच कराई। जब मूर्तियां बेशकीमती निकलीं, तो उन्हें चोरी करवा दिया।