RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) गड़बड़ी पर सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है। सीबीआई ने जेल में बंद सोनवानी के साले देवेंद्र जोशी और उसकी पत्नी झगीता जोशी को गिरफ्तार किया है। सीबीआई का दोनों पर आरोप है कि उन्होंने बेरोजगारों को नौकरी लगाने का झांसा देकर 9 बेरोजगारों से 1.50 करोड़ रुपए की ठगी की है। बता दें कि इस गड़बड़ी मामले में गिरफ्तार उप परीक्षा नियंत्रक ललित गणवीर, चारों चयनित उम्मीदवार सोमवार को सीबीआई कोर्ट में पेश किए गए। कोर्ट ने पांचों को दो दिन के लिए जेल भेज दिया है।
जानकारी के अनुसार देवेंद्र जोशी से CGPSC के बड़े अधिकारियों से परिचय बताकर लोगों को अपने झांसे में लेता था और ठगी करता था। इतना ही नहीं विशेष अनुशंसा के तहत नियुक्ति होना बताकर फर्जी नियुक्ति प्रमाण पत्र देता था। उसने नौकरी लगाने का झांसा देकर आधा दर्जन बेरोजगारों को अपना शिकार बनाया है।
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पुलिस के अनुसार आरोपियों ने फूड इंस्पेक्टर, लेक्चरर समेत पटवारी की नौकरी लगाने के नाम पर रिश्तेदारों समेत अब तक कई 9 पीड़ितों से करोड़ों रुपए की ठगी कर चुका है। CGPSC गड़बड़ी घोटाला मामले की जांच सीबीआई कर रही है। बता दें कि दिनों सीबीआई ने टामन सिंह सोनवानी के भतीजे नितेश सोनवानी और पूर्व डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर ललित गनवीर को गिरफ्तार किया था। इसी मामले को लेकर टामन सिंह सोनवानी भी जेल में बंद हैं।
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जानिए पूरा मामला
अंबिकापुर की निवासी अंजना गहिरवार ने रायपुर निवासी देवेंद्र जोशी से नौकरी के बारे में बात की थी। जोशी ने बताया कि उसकी बड़े अधिकारियों से जान पहचान है और वह सरकारी नौकरी दिलवाने में मदद कर सकता है। इसके बाद देवेंद्र जोशी ने उसे खाद्य विभाग में फूड इंस्पेक्टर के पद के लिए आवेदन करने को कहा। नौकरी दिलाने के एवज में 25 लाख रुपये की डिमांड. अंजना ने 2022 में आवेदन किया और परीक्षा दी। देवेंद्र जोशी ने काउंसलिंग के लिए पैसे की मांग की। अंजना ने छह लाख 35 हजार रुपये कैश और बाकी की रकम खाते में ट्रांसफर की।
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इसके बाद जोशी ने दस्तावेज सत्यापन भी करवा दिया, जब अंजना ने फाइनल चयन सूची मांगी तो उसका नाम उसमें नहीं था। जब वह विभाग में लेटर लेकर गई, तो उसे फर्जी लेटर बताते हुए भगा दिया गया। देवेंद्र जोशी ने अंजना के अलावा अन्य 8 लोगों गजेंद्र लहरे, कुणाल देव, और भुनेश्वर सोनवानी से भी फूड इंस्पेक्टर की नौकरी दिलवाने के नाम पर 25-25 लाख रुपए ठगे थे।