RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ में एक बार फिर एसीबी और ईओडब्ल्यू बड़ी कार्रवाई की है। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज़ कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGMSC) गड़बड़ी मामले में रायपुर और दुर्ग जिले में कई जगह छापेमारी की गई है। बताया जा रहा है कि 3 गाड़ियों में एसीबी के 10 से अधिक अधिकारी सोमवार सुबह दुर्ग के मोक्षित कॉरपोरेशन पहुंचे। यह कंपनी गंजपारा निवासी शांतिलाल चोपड़ा और उनके बेटे शशांक चोपड़ा की दवा और मेडिकल इक्विपमेंट की एजेंसी हैं। यह एजेंसी सरकारी मेडिकल एजेंसी को दवा सप्लाई करती है।
छापेमारी के दौरान अधिकारियों ने दुर्ग के गंजपारा कॉलोनी स्थित घर को अपनी कस्टडी में ले लिया। किसी को भी अंदर या बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है। घर और ऑफिस के बाहर पुलिस बल मौजूद है। बताया जा रहा है कि, इस एजेंसी के जरिए करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार किया गया है। जिसकी जांच की जा रही है। इसके अलावा हरियाणा के पंचकुला में करीब 8 टीम ने दबिश दी है। तीनों जगहों पर घर और दफ्तरों में दस्तावेजों की जांच चल रही है।
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बताया गया कि तीन गाड़ियों में एक दर्जन से अधिकारी जांच करने पहुंचे है। ऑफिस के अंदर अधिकारी बैठकर दस्तावेज चेक कर रहे हैं। फिलहाल, अधिकारियों की टीम दस्तावेज खंगाल रही है। बता दें कि लेखा परीक्षा की टीम की ओर से CGMSC की सप्लाई दवा और उपकरण को लेकर वित्त वर्ष 2022-24 और 2023-24 के दस्तावेज को खंगाला गया तो कंपनी ने बिना बजट आवंटन के 660 करोड़ रुपये की खरीदी की थी, जिसे ऑडिट टीम ने पकड़ लिया था। ऑडिट में पाया गया है कि पिछले दो सालों में आवश्यकता से ज्यादा खरीदे केमिकल और उपकरण को खपाने के चक्कर में नियम कानून को भी दरकिनार किया गया, जिस हॉस्पिटल में जिस केमिकल और मशीन की जरूरत नहीं वहां भी सप्लाई कर दिया गया था।
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