RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन से महिलओं के जीवन में बड़ा बदलाव आ रहा है। प्रदेश की महिलाओं के स्वास्थ्य, पोषण, आर्थिक स्वावलंबन और सशक्तिकरण को बढ़ावा के उद्देश्य से साय सरकार ने पहल से महिलाएं इस मदद की राशि से अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के साथ ही अतिरिक्त आय उपार्जन की गतिविधियों को आगे बढ़ाने लगी है। बता दें कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार की महत्वाकांक्षी योजना महतारी वंदन योजना की बदौलत महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त बन रही है। सरकार का यह कदम उनके जीवन में बड़ा बदलाव ला रहा है।
दरअसल, बलौदाबाजार जिला के वनांचल बल्दा कछार गांव की निवासी ममता परंपरागत रूप से बांस शिल्प की कला कृति बनाकर जीवकोपार्जन करती है। पहले वह आर्थिक तंगी के कारण बांस शिल्प बनाने के लिए बांस नहीं खरीद पाती थी पर अब उन्हें महतारी वंदन योजना से प्रतिमाह 1 हजार रुपए मिलते है, जिसका उपयोग वह बांस खरीदने में करती है। वह झेंझरी, सुपा, पर्रा, टुकनी सहित अन्य सजावटी वस्तुएं अधिक संख्या में बना पाती है, जिसे बेचकर उन्हें अच्छी खासी आमदनी मिल रही है, जिसमें बचत कर वो अपनी बेटियों को शिक्षित कर रही हैं।
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वहीं, बिंदिया प्रजापति को जब से महतारी वंदन योजना के तहत हर महिने एक-एक हजार रुपए मिल रहे है, उनके चेहरे में खुशी की चमक देखते ही बन रही है। मरवाही विकासखंड के धरहर गांव की प्रजापति महतारी वंदन की राशि का उपयोग अपने ईंट व्यवसाय के कारोबार को बढ़ाने में कर रही है। आर्थिक रूप से कमजोर बिंदिया बाई को पहले ईंट बनाने के लिए मिट्टी, पकाने के लिए भूंसी-लकड़ी आदि के लिए उधारी लेना पड़ता था, अब उन्हें दूसरों के सामने हाथ नहीं फैलाना पड़ता। वहीं, कोरिया जिले के जमड़ी गांव की निवासी सुनीता साहू के जीवन में महतारी वंदन योजना ने बदलाव लाया। तीन बच्चों की मां साहू ने योजना से मिली राशि को बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए निवेश करना शुरू कर दिया है।
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बस्तर के इस परिवार को ऐसे चलता है भरण-पोषण
बस्तर जिले के बकावंड ब्लॉक मुख्यालय की निवासी चंद्रमणि और उनके परिवार के पास कृषि भूमि नहीं है पति-पत्नी दोनों मजदूरी कर 6 सदस्यीय परिवार का किसी तरह भरण-पोषण करते हैं। राज्य सरकार की महतारी वंदन योजना अब उनके परिवार के लिए सहारा साबित हो रही है। जिससे चंद्रमणि को एक हजार रूपए तथा उसकी सास रुकनी को महतारी वंदन योजना से 500 रुपए एवं वृद्धावस्था पेंशन योजनान्तर्गत 500 रूपए मिल रही है, जो इस गरीब परिवार के लिए बहुत ज्यादा तो नहीं लेकिन उपयोगी साबित हो रही है।