MUMBAI NEWS. सिनेमा के इतिहास में पहली बार एक लुक-अलाइक की बायोग्राफी पर फिल्म बनने जा रही है। जिसका नाम है ‘शाहरुख बनना आसान नहीं’। इस फिल्म की कहानी एक ऐसे संघर्षशील इंसान की जो सुपरस्टार शाहरुख जैसा दिखता है। फिर भी खुद को साबित करने के लिए कड़ी मेहनत करता है।
सपना हर कोई देखता है और उसे साकार भी करना चाहता है। ऐसा ही कुछ हुआ राजू रहिकवार के भी साथ। ‘शाहरुख बनना आसान नहीं’ नाम से बन रही बायोग्राफी असल में राजू रहिकवार की ज़िंदगी की हकीकत है। वह शख्स जिसने जूनियर शाहरुख खान बनने के सपने को साकार करने के लिए न जाने कितनी चुनौतियों का सामना किया। राजू पिछले 30 सालों से मायानगरी मुंबई में रहकर इसके लिए संघर्ष कर रहे है। इस दौरान वो शो और फिल्में भी करते रहे लेकिन ‘शाहरुख’ बन पाना उनके लिए सपन ही रह गया। लेकिन अपनी बायोग्राफी के माध्यम से वो सभी को बताना चाहते है कि “शाहरुख बनना आसान नहीं”।
राजू रहिकवार शाहरुख खान बनने और फिल्म इंडस्ट्री में बड़ा नाम कमाने का सपना लेकर अपने गांव से मुंबई आय थे। मायानगरी में पैर जमाने के लिए कड़ी मेहनत की, कई बार भूखे पेट सोए, कई रात सड़कों पर गुजारी लेकिन अपने अपने सपनों को कभी मरने नहीं दिया।
मायानगरी मुंबई ने राजू को हालातों से कैसे लड़ना है, कैसे उनका सामना करना है, सब सिखा दिया। चाहे मुंबई की बारिश हो या तपती धूप हो सपनो के लिए सब सहकर आगे बढ़ना पड़ता है। राजू बताते है की एक समय आय जब मुझे एहसास हो गया कि शाहरुख खान साहब सिर्फ एक ही है कोई दूसरा हो भी नहीं सकता ना और न ही कोई बन सकता है। दोस्तों इसलिए तो मैं कहता हूं, “शाहरुख बनना आसान नहीं”।