RAJNANDGAON NEWS. छत्तीसगढ़ के मजदूरों को बंधक बनाने की खबरें आती रहती हैं। इस बीच, प्रदेश के 36 मजदूरों को बंधक बनाने की खबर मिली है। सभी मजदूर मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले के ग्राम विचारपुर के रहने वाले हैं, जिन्हें नांदेड़ (महाराष्ट्र) के ठेकेदार अपने साथ मिर्ची तोड़ने का काम दिलाने लेकर गए थे, पर वहां मजदूरों से गन्ने तोड़वाने का काम दिया। हफ्तेभर बाद जब मजदूरों को वापस घर लौटने की बात कही तो ठेकेदार ने उन्हें बंधक बना लिया। हालांकि पुलिस ने ठेकेदार के कब्जे से छुड़वा लिया है।
वहीं, घर लौटने के लिए मजदूरों से नौ लाख रुपए की मांग की। मजदूरों को खेत पर ही टिन शेड में बंधक बनाकर रखा गया। जैसे-तैसे दो दिन पहले मजदूरों ने एक वीडियो बनाकर अपने परिजन को भेजा, जिसके बाद बंधक मजदूरों के परिवार वालों ने शासन-प्रशासन से मदद की गुहार लगाई। श्रमिकों को बंधक बनाने की शिकायत मिलते ही कलेक्टर तुलिका प्रजापति व पुलिस अधीक्षक वायपी सिंह ने मामले को गंभीरता से लिया और तत्काल महाराष्ट्र पुलिस से संपर्क कर जांच कराई।
ये भी पढ़ें: लोक संस्कृति, लोक जीवन व भारतीय समाज पर व्याख्यान, 12 रचनाकारों का हुआ सम्मान
पुलिस अधीक्षक वायपी सिंह ने बताया कि महाराष्ट्र धाराशिव पुलिस की मदद से ठेकेदार के कब्जे से सभी मजदूरों को छुड़वा लिया गया है। सोलापुर रेलवे स्टेशन से श्रमिकों को ट्रेन भी बैठा दिए हैं। बुधवार को सभी मजदूर घर लौट आएंगे। स्थानीय पुलिस द्वारा भी ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
ये भी पढ़ें: राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी, 60 सांसदों ने किए नोटिस पर हस्ताक्षर
मोहला-मानपुर के पुलिस अधीक्षक वाय पी सिंघ ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र के धाराशिव जिले की पुलिस की मदद से सभी मजदूरों को रिहा कराया गया। इन मजदूरों को महाराष्ट्र के गुलहल्ली गांव में बंधक बना लिया गया था, जहां एक ठेकेदार ने उन्हें ‘मिर्ची तुड़वाने के काम के लिए ले जाकर बंधुआ मजदूरी में झोंक दिया था। हालांकि पुलिस ने सभी को छत्तीसगढ़ रवाना कर दिया है।