BHILAI NEWS. छत्तीसगढ़ में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने भिलाई के स्मृति नगर चौकी में तैनात प्रधान आरक्षक रामकृष्ण सिन्हा को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। आरोपी आरक्षक के पास से केमिकल लगे नोट जब्त किए गए हैं। बता दें, बी फार्मा की पढ़ाई करने वाले एक छात्र ने प्रधान आरक्षक के खिलाफ ACB से शिकायत की थी।
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मामले को रफादफा करने के लिए मांगा 20 हजार रुपये की रिश्वत
जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले पीड़ित छात्र का कुछ लोगों से विवाद हुआ था। इस मामले में अभी तक कोई रिपोर्ट नहीं लिखी गई थी, लेकिन प्रधान आरक्षक रामकृष्ण सिन्हा मामले को रफादफा करने के लिए ने उससे 20 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा था। लेकिन छात्र रिश्वत देना नहीं चाहता था। उसने इस बात की शिकायत ACB से कर दी। जिसके बाद ACB की टीम ने छात्र को केमिकल लगे हुए 500-500 के 20 नोट देकर पीड़ित छात्र को प्रधान आरक्षक के पास भेज दिया। जैसे ही रिश्वत की रकम प्रधान आरक्षक ने ली, एसीबी ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद एसीबी के अधिकारियों ने प्रधान आरक्षक और पीड़ित के हाथ के साथ ही नोटों को पानी में डाला तो पानी का रंग गुलाबी हो गया।
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भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धाराओं के तहत आरोपी प्रधान आरक्षक के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। वहीं दुर्ग एसपी जितेंद्र शुक्ला ने ACB द्वारा गिरफ्तार किए जाने के तुरंत बाद प्रधान आरक्षक रामकृष्ण सिन्हा को निलंबित कर दिया गया है। ACB की टीम ने शनिवार को दोपहर करीब साढ़े तीन बजे प्रधान आरक्षक को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था।
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इस मामले के बाद एक बार फिर ACB ने भ्रष्टाचार के खिलाफ स्पष्ट संदेश दिया है। वहीँ आम नागरिकों से भी अपील की गई है कि वे ऐसे मामलों में तुरंत शिकायत दर्ज कराएं। शिकायत मिलने पर भ्रष्टाचार करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।