RAIPUR NEWS. जम्मू-कश्मीर विधानसभा में जमकर हंगामा हो रहा है। इससे पूरे देश में सियासत भी शुरू हो गई है। इसे लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। सीएम साय ने कहा कि कांग्रेस जम्मू-कश्मीर में फिर से आतंकवाद और अलगाववाद का काला दौर लाना चाहती है। जम्मू- कश्मीर विधानसभा में धारा 370 और 35A को फिर से लाने के नेशनल कांफ्रेंस के प्रस्ताव का समर्थन कर कांग्रेस ने देश को तोड़ने का कुचक्र फिर से चल दिया है। उन्होंने कहा कि कल विधानसभा में जो भी कुछ हुआ, वह पाकिस्तान और देश विरोधी लोगों को खुश करने के लिए किया गया, जम्मू-कश्मीर की जनता को गुमराह करने के लिए किया गया।
CM साय ने कहा कि आज जो देश की एकता के लिए खड़े हैं, जम्मू-कश्मीर वे विकास और शांति के पक्ष में खड़े हैं, उन्हें मार्शल के जरिये बेरहमी से जम्मू-कश्मीर विधानसभा से बाहर निकाला जा रहा है। कांग्रेस-एनसी, पीडीपी – ये सब जम्मू-कश्मीर में फिर से आतंकवाद को लाना चाहते हैं। यह कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस का राष्ट्रविरोधी एजेंडा है। शेख अब्दुल्ला से लेकर उमर अब्दुल्ला तक, भावनात्मक ब्लैकमेल करना नेशनल कॉन्फ्रेंस की दिनचर्या है। CM ने कहा कि जम्मू-कश्मीर धारा 370 तथा 35A के काले साए से कब का निकल चुकी है। वह विकास के रास्ते पर चल पड़ी है, लेकिन कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी ये सब कश्मीर घाटी में आई शांति से परेशान हैं। ये जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद व अलगाववाद के काले दौर को वापस लाना चाहती है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने वादा किया था कि जम्मू-कश्मीर को विधानसभा देंगे, चुनाव करायेंगे, केवल 5 साल के अंदर मोदी सरकार ने चुनाव कराये और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बहाल किया। हम आगे भी जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए काम करेंगे।
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CM सीएम साय ने बताया कि धारा 370 के हटने के बाद से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी आई है। नागरिकों की मृत्यु में भी लगभग 80% की कमी आई है। विदेशी नागरिकों के पर्यटन में 300 प्रतिशत का उछाल आया है। जम्मू-कश्मीर का बजट 17 प्रतिशत बढ़ा है। पत्थरबाजी की घटना बिलकुल बंद हो गई। आतंकवादी घटनाएं दो-तीन जिलों में ही सिमट कर रह गई। जहाँ पहले 5-7 प्रतिशत मतदान होता था, वहां भी 50 प्रतिशत मतदान होने लगा। जो पहले अलगाववाद और आतंकवाद की वकालत कर रहे थे, वे भी अब हिंदुस्तान के संविधान में लोकतंत्र को मजबूती देते हुए वोट मांगते दिखाई दिए। जी-20 की बैठक जम्मू-कश्मीर में सफलतापूर्वक संपन्न हुई। जम्मू-कश्मीर को 80 हजार करोड़ रुपये का विशेष पैकेज मिला, 56 हजार करोड़ रुपये का निवेश आया।
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CM साय ने कहा कि कांग्रेस को इसका जवाब देना होगा। इनके इरादे ठीक नहीं है। कांग्रेस नेता फिर से 90 के दशक वाला जैसा माहौल जम्मू-कश्मीर में बनाना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर के कांग्रेस विधायक दल के नेता गुलाम अहमद मीर ने कहा कि उनकी पार्टी कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को कम करने और विभाजन के खिलाफ लोगों की नाराजगी का समर्थन किया था और किया है। गुलाम अहमद मीर ने एक तरह से प्रस्ताव का समर्थन किया, कांग्रेस विधानसभा में इस प्रस्ताव के समर्थन में खड़ी नजर आई। राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी अनुच्छेद 370 को हटाने पर अपनी स्थिति स्पष्ट करे। कांग्रेस के एक और पुराने नेता सैफुद्दीन सोज ने प्रेस रिलीज करके इस प्रस्ताव का समर्थन किया है।