MUMBAI NEWS. इस वर्ष सभी के मन में एक ही सवाल है कि दीपावली 31 अक्टूबर को मनाएं या 1 नवंबर को, किस दिन दीपावली का पर्व मनाना श्रेष्ठ है। किस दिन पूजा करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होंगी। आप की इसी दुविधा का समाधान बता रहें है आचार्य गिरीश व्यास।
पूरे भारतवर्ष में दो प्रकार के पंचांग निर्मित है। जिसमें एक तो ग्रहलाघवीय पद्धति के आधार पर तथा दूसरा चित्रापक्षीय पद्धति के आधार पर होते हैं, दोनों में देशकाल स्थिति के अनुसार भेद होता है इसके आधार पर इस वर्ष दीपावली के पर्व में हल्का मतभेद आ रहा है। इसको दूर करने के लिए यदि हम सूक्ष्मता से अध्ययन करेंगे तो आप समझ पाएंगे कि कहां दीपावली का पर्व 31 अक्टूबर को मानना है और कहां दीपावली का पर्व 1 नवंबर को बनाना है मानना है।
ये भी पढ़ें: धनतेरस पर 10 रुपये में खरीद सकेंगे सोना, मुकेश अंबानी ने लॉन्च की स्मार्टगोल्ड स्कीम
भारतवर्ष के जिस स्थान पर यदि प्रदोष काल में 1 घटी से अधिक अमावस्या हो भले ही वह एक घटी से 1 मिनट क्यों ना हो वहां पर दीपावली का पर्व 31 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा तथा जहां पर 1 घटी से पूर्व ही अमावस्या समाप्त हो रही है, वहां पर 1 नवंबर को दीपावली का पर्व मनाना श्रेष्ठ है।
ये भी पढ़ें: CID Return… 6 साल बाद दमदार एक्शन-थ्रिलर के साथ शुरू हो रहा शो, इस महीने होगी रिलीज
क्यों श्रेष्ठ है 1 नवंबर को दीपावली मनाना
इस वर्ष दीपावली का पर्व 1 नवंबर को मनाना श्रेष्ठ रहेगा क्योंकि इसमें अमावस्या 2 दिन है जिसमें प्रदोषव्यापिनी अमावस्या प्रथम दिन अर्थात 31 अक्टूबर 2024 को रहेगी तथा दूसरे दिन भी, 1 नवंबर 2024 को भी 37 मिनट तक प्रदोष काल में अमावस्या रहेगी जिसके कारण दुविधा के स्थिति बनी हुई है, शास्त्री परमाणु के आधार पर अर्थात धर्मसिंधु एवं निर्णयसिंधु के आधार पर हम देखेंगे तो एक नंबर को दीपावली मनाना श्रेष्ठ होगा।
यथा–
धर्मसिन्धु के दीपावली प्रकरण का संस्कृत में पुरुषार्थचिन्तामणि के मत को उद्धृत कर के स्पष्ट लिखा है पुरुषार्थचिन्तामणौतुपूर्वत्रैवव्याप्तिरितिपक्षेपरत्रयामत्रयाधिकव्यापिदर्शापेक्षयाप्रतिपद्वृद्धिसत्त्वेलक्ष्मीपूजादिकमपिपरत्रैवेत्युक्तं एतन्मतेउभयत्रप्रदोषाव्याप्तिपक्षेपिपरत्रदर्शस्यसार्धयामत्रयाधिकव्यापित्वात्परैवयुक्तेतिभाति।
अगले दिन तीन प्रहर से अधिक अमावस्या व्याप्त हो और उसके अगले दिन प्रतिपदा तीन प्रहर अमावस्या से भी ज्यादा व्याप्त हो तो दीपावली के लिए अमावस्या विद्धा वृद्धिगामिनी प्रतिपदा को लेना चाहिए जो शास्त्र से धर्म कृत्योपयोगितिथ्यादि निर्णय में मान्य आर्ष सूर्यसिद्धान्तीय पञ्चाङ्ग से स्पष्ट है शास्त्र से निर्विवाद निर्णय है दीपावली दिनाङ्क 1 नोवेम्बर् 2024 को ही मान्य है।
इसीलिए इस वर्ष दीपावली का पर्व 1 नवंबर को मनाना श्रेष्ठ है।