NEW DELHI NEWS. स्टूडेंट्स के लिए एक अच्छी खबर मिली है। दरअसल, नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) में टॉप 200 में जगह बनाने वाली यूनिवर्सिटी कौशल विकास से जुड़े कोर्स लॉन्च कर सकती हैं, इंडस्ट्री के साथ डायरेक्ट पार्टनरशिप में कोर्स शुरू करने की स्थिति में युवाओं को स्टाइपेंड इंडस्ट्री देगी जबकि NATS यानी राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रशिक्षण योजना (National Apprenticeship Training Scheme) पोर्टल के जरिए रजिस्ट्रेशन करवाने के मामले में सरकार स्टाइपेंड देगी।
इसके साथ ही जो यूनिवर्सिटी नैक से कम से कम एक ग्रेड या 3.01 स्कोर हासिल करेंगी, वे भी इस कोर्स को शुरू कर सकती हैं। देश में अब कौशल विकास के कोर्स लाए जा रहे हैं। यूजीसी के इस कोर्स की विशेषता यह है कि इसमें सेमेस्टर ट्रेनिंग पहले दिन से ही शुरू हो जाएगी। अगर तीन वर्ष का कोर्स है तो छात्रों को कम से कम एक सेमेस्टर और अधिकतम तीन सेमेस्टर के लिए इंडस्ट्री के साथ मिलकर ट्रेंनिंग दिलवानी होगी।
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वहीं चार वर्ष का कोर्स है तो कम से कम 2 और अधिकतम 4 सेमेस्टर की ट्रेनिंग होगी। इस कोर्स में यूनिवर्सिटी- इंडस्ट्री और छात्रों का एग्रीमेंट होगा। तीनों पार्टियों की भूमिका पहले दिन से ही तय होगी। छात्रों को ट्रेनिंग में हिस्सा लेना जरूरी होगी। यह कोर्स केवल क्लासरूम टीचिंग का नहीं होगा बल्कि बड़ा हिस्सा स्किल ट्रेनिंग का होगा।
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यूनिवर्सिटी जिन- जिन यूनिवर्सिटी के साथ समझौता करेंगी, वहां पर छात्रों को कोर्स पूरा करने के बाद जॉब पाने की ज्यादा संभावना होगी, साथ ही छात्रों को स्टार्टअप्स शुरू करने के लिए भी तैयार किया जाएगा। अप्रेंटिसशिप एक ट्रेनिंग कार्यकाल होता है जिसमें छात्रों को इंडस्ट्री में ट्रेनिंग दी जाती है। छात्र को क्लासरूम टीचिंग के साथ- साथ व्यावहारिक ज्ञान मिलता है। साथ ही करियर के लिए जरूरी यूनिवर्सिटी डिग्री भी मिलती है।