MUMBAI NEWS. टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन नवल टाटा का 86 साल की उम्र में निधन हो गया है। वे मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल के इंटेसिव केयर (आईसीयू) यूनिट में अंतिम सांस ली। उद्योगपति हर्ष गोयनका ने बुधवार रात 11:24 बजे सोशल मीडिया पर लिखा, ‘घड़ी की टिक-टिक बंद हो गई। टाइटन नहीं रहे। टाटा ग्रुप का कारोबार 100 से ज्यादा देशों तक फैला है।
सोमवार तड़के ब्लड प्रेशर गिरने के बाद उन्हें अस्पताल लाया गया था। उम्र संबंधी समस्याओं के कारण उन्हें ICU में रखा गया था। इससे पहले 7 अक्टूबर को कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि रतन टाटा ब्रीच कैंडी अस्पताल की इंटेंसिव केयर यूनिट (ICU) में भर्ती हैं। उनका ब्लड प्रेशर काफी कम हो गया था।
इसके बाद रतन टाटा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर बताया था, ‘मैं ठीक हूं और ज्यादा उम्र के कारण रुटीन चेकअप के लिए अस्पताल गया था। चिंता की कोई बात नहीं है।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने सोशल पर लिखा, ‘श्री रतन टाटा जी एक दूरदर्शी बिजनेस लीडर, दयालु आत्मा और एक असाधारण इंसान थे।
उन्होंने भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया। साथ ही, उनका योगदान बोर्डरूम से कहीं आगे तक गया। अपनी विनम्रता, दयालुता और हमारे समाज को बेहतर बनाने के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के कारण उन्होंने कई लोगों का प्रिय बना लिया।
बता दें कि ‘टाटा संस’ के चेयरमैन के रूप में रतन टाटा ने मार्च 1991 से दिसंबर 2012 तक टाटा समूह का नेतृत्व किया और कंपनी को बुलंदियों तक पहुंचाया। बिजनेस टाइकून रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर, 1937 को मुंबई में नवल टाटा और सूनू टाटा के घर हुआ। रतन टाटा के नेतृत्व में कंपनी ने 100 अरब डॉलर से अधिक का वैश्विक व्यापार विकसित किया।
टाटा के अध्यक्ष पद पर रहते ही टाटा ग्रुप ने जगुआर लैंड रोवर और कोरस को टेकओवर कर लिया था। इसके अलावा टाटा ग्रुप का कारोबार 100 से ज्यादा देशों तक फैला है। वर्ष 2008 में भारत सरकार ने उन्हें दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया।