RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ में एक बार फिर एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने भ्रष्टाचार पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। ऐसे ही एक मामले एसीबी ने रायपुर में कार्रवाई की है। छत्तीसगढ़ राज्य मार्केटिंग निगम के तत्कालीन डीजीएम समेत 9 लोगों पर एसीबी ने एफआईआर दर्ज की है। इन पर आरोप है कि बिल पास करने के एवज में वे 8 प्रतिशत कमीशन वसूल करते थे। एसीबी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है। एसीबी के निरीक्षक कुमार विवेक ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
जानकारी के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय (ED) अभी कई केस में मनी लांड्रिंग के मामले में जांच कर रही है। इसी जांच के दौरान पता चला कि छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कारपोरेशन लिमिटेड (सीएसएमसीएल) के तत्कालीन डीजीएम और प्रभारी एमडी नवीन प्रताप सिंह तोमर ठेकेदारों से मैन पॉवर टेंडर के लिए लगाए गए बिलों को मंजूरी देने के बदले रिश्वत ले रहे हैं। इसके बाद 29 नवंबर 2023 को ईडी की टीम ने जांच में अभिषेक कुमार सिंह समेत अन्य लोगों को 28.80 लाख रुपए कैश रिश्वत देते गिरफ्तार किया था।
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पूछताछ में ही पता चला था कि अभिषेक मेसर्स ईगल हंटर सॉल्यूशन लिमिटेड का कर्मचारी है। यह कंपनी कई विभागों में मैनपॉवर सप्लाई का काम करती है। इस कंपनी के बिल क्लियर करने के लिए रिश्वत मांगी गई थी। जांच के बाद ही तत्कालीन डीजीएम नवीन प्रताप सिंह तोमर, बीआर लोहिया, अजय लोहिया, अभिषेक कुमार, तीजउराम निर्मलकर, नीरज कुमार, देवांश देवांगन, जितेंद्र कुमार निर्मलकर, लोकेश्वर प्रसाद सिन्हा और अन्य के खिलाफ आईपीसी 1860 की धारा 120-बी भ्रष्टाचार एक्ट 1988 के अंतर्गत अपराध दर्ज किया गया है।