संजीव कुमार सोनी
AYODHYA NEWS. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीपोत्सव-2024 के अवसर पर राम की पौढ़ी, अयोध्या में दीप प्रज्ज्वलित किया। मंत्रोच्चार के साथ सरयू की आरती एवं पूजन किया। दीपोत्सव-2024 में दो विश्व कीर्तिमान रचे गए। पहला 1,121 लोग एक साथ सरयू की आरती कर और दूसरा राम की पौढ़ी पर 25 लाख 12 हजार 585 दीप प्रज्ज्वलित कर गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया गया। गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड की ओर से मुख्यमंत्री को इस कीर्तिमान का प्रमाण-पत्र सौंपा गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि दीपोत्सव का यह कार्यक्रम हमें दीप से दीप जलाने के माध्यम से सामाजिक और राष्ट्रीय एकता को सम्बल देने की प्र ेरणा प्रदान कर रहा है। प्रभु श्रीराम का अयोध्या आगमन एक अद्भुत और अलौकिक घटना है। यह अयोध्याधाम को दुनिया के मानचित्र पर प्रस्तुत करता है। अयोध्या के माध्यम से दीपोत्सव दुनिया को नई प्रेरणा प्रदान करता है।
सीएम योगी ने कहा कि यह दीप केवल अज्ञान के तमस को दूर करने का माध्यम ही नहीं, बल्कि अन्याय और अत्याचार के तमस का विनाश करने वाला साबित होना चाहिए। अयोध्या का यह सन्देश प्रदेश में जाना चाहिए। नये भारत का नया उत्तर प्रदेश और नये उत्तर प्रदेश की नयी अयोध्या प्रभु श्रीराम की सुन्दरतम नगरी के रूप में स्थापित हो रही है। प्रदेश में हर घर मेे दीपोत्सव का आनन्द होना चाहिए।
राम की पौढ़ी पर 3-डी होलोग्राफिक शो, प्रोजेक्शन मैपिंग, रामायण पर आधारित भव्य लेजर-शो तथा ड्रोन शो का आयोजन हुआ। दिव्य व नयनाभिराम आतिशबाजी का लोगों ने आनन्द उठाया। मुख्यमंत्री ने रामकथा पार्क में 8वें दीपोत्सव पर आयोजित श्रीरामलीला की प्रस्तुतियों का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने दीपोत्सव-2024 को भव्य स्वरूप प्रदान करने में अपनी भूमिका निर्वहन करने वाले 30,000 से अधिक स्वयंसेवकों का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर में दर्शन-पूजन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दीपोत्सव के भव्य और दिव्य कार्यक्रम को पूरी दुनिया देख रही है। सनातन धर्म दुनिया का प्राचीनतम तथा मानवता का धर्म है। यह जियो और जीने दो के सिद्धान्त पर विश्वास करता है। यह सबके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करने वाला धर्म है। जब भी कोई इस शाश्वत व्यवस्था पर प्रहार करेगा, तो वह स्वयं के विनाश को ही आमंत्रित करेगा।
उन्होंने कहा कि कुछ ताकतें भारत को कमजोर करना चाहती हैं। वह समाज को उसी रूप में बांट रही हैं, जिस प्रकार त्रेता युग में रावण और उसके अनुयायियों ने किया था। आज भी ऐसे लोग जाति, क्षेत्र, भाषा तथा परिवार के नाम पर समाज को बांटने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। इसके माध्यम से राष्ट्रीय एकता और अखण्डता को चुनौती दी जा रही है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दीपोत्सव हमें नयी प्रेरणा देने का अवसर है। हमें यह स्मरण रखना होगा कि त्रेता युग में मारीच, इन्द्रजीत, कुम्भकर्ण और रावण यह जानते थे कि उन्हें प्रभु श्रीराम से दुश्मनी की क्या कीमत चुकानी होगी। रावण जानता था कि भगवान श्रीराम जगत नियन्ता हैं। स्वयं श्री हरि विष्णु के ही अवतार हैं। प्रभु श्रीराम से दुश्मनी तथा माँ भगवती जानकी के अपहरण की कीमत उन्हें चुकानी पड़ेेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रावण, कुम्भकर्ण, मेघनाद, मारीच, खर-दूषण तथा ताडक़ा सभी एक जैसी गति को इसलिए प्राप्त हुए, क्योंकि इनका पक्ष अधर्म और असत्य तथा अन्याय, अत्याचार और शोषण का था। ‘जाको प्रभु दारुण दुख देही-ताकी मति पहले हर लेही यही त्रेता युग में हुआ। आज भी ऐसे लोगों को मालूम है कि देश और समाज के प्रति उनके कृत्य वर्तमान और भावी पीढ़ी के लिए उचित नहीं हैं। उनकी भी दुर्गति होनी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दीपोत्सव का यह कार्यक्रम हमें दीप से दीप जलाने के माध्यम से सामाजिक और राष्ट्रीय एकता को सम्बल देने की प्रेरणा प्रदान कर रहा है। प्रभु श्रीराम के अयोध्या आगमन के उत्सव के रूप में दीपोत्सव का यह आयोजन इसी श्रंृंखला का हिस्सा है। यह आनन्द का विषय है कि दुनिया की सबसे बड़ी महामारी कोरोना के समय भी दीपोत्सव का क्रम नहीं थमा। कोरोना कालखण्ड में भी दीपोत्सव में नये रिकॉर्ड बने।
आज पुन: इस कार्यक्रम में सरयू जी की आरती ने भी नये रिकॉर्ड बनाए हैं। अयोध्यावासियों की यह जिम्मेदारी है कि यह शाश्वत क्रम इसी प्रकार चलता रहे। अयोध्या के माध्यम से दीपोत्सव दुनिया को नयी प्रेरणा प्रदान करता है। यह दीप केवल अमावस्या के अन्धकार को ही नहीं दूर करते हैं, बल्कि यह समाज के दुश्मनों को नया जवाब देने और अज्ञानता के अन्धकार को दूर करने का भी माध्यम हैं।
मुख्यमंत्री ने दीपोत्सव-2024 को भव्य स्वरूप प्रदान करने में अपनी भूमिका का निर्वहन करने वाले 30,000 से अधिक स्वयं सेवकों का आभार व्यक्त किया। सभी स्वयं सेवकों ने जिला प्रशासन व पर्यटन विभाग के साथ मिलकर इसे सफल बनाया है। पहले दीपोत्सव का आयोजन प्रदेष सरकार ने अपने स्तर पर किया था। आज दीपोत्सव अपने 8वें संस्करण तक पहुंचते-पहुंचते जनसहभागिता का आदर्श बन गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह नयी अयोध्या है। नये भारत का नया उत्तर प्रदेश और नये उत्तर प्रदेश की नयी अयोध्या प्रभु श्रीराम की सुन्दरतम नगरी के रूप में स्थापित हो रही है।
अब दीपावली का आयोजन है। हर घर में दीपोत्सव भी होगा। सभी घरों में पकवान भी बनेंगे। हमारे पर्व और त्योहार एकांगी आयोजन नहीं हैं। पर्व और त्योहार सामूहिक रूप से मनाए जाते हैं। आप सभी कम से कम ऐसे परिवार के पास अवश्य जाएं, जो अभाव में हैं। उनके अभाव को अपने भाव के साथ जोडक़र दीपावली के आनन्द को और अच्छे ढंग से आगे बढ़ाने का कार्य करें। प्रदेश में हर घर मेें दीपोत्सव का आनन्द होना चाहिए। शान्ति और सौहार्द के रूप में यह त्योहार मनाएं। अयोध्या से पूरे देश में यह सन्देश जाना चाहिए।
राम की पौढ़ी पर 3-डी होलोग्राफिक शो, प्रोजेक्शन मैपिंग, रामायण पर आधारित भव्य लेजर-शो तथा ड्रोन शो का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर दिव्य व नयनाभिराम आतिशबाजी का भी लोगों ने आनन्द उठाया। मुख्यमंत्री ने श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर में दर्शन-पूजन भी किया। इसके उपरान्त, मुख्यमंत्री ने रामकथा पार्क में 8वें दीपोत्सव के तहत आयोजित श्रीरामलीला की प्रस्तुतियों का अवलोकन किया। इस दौरान विभिन्न देश व विभिन्न राज्य से आए सांस्कृतिक दलों द्वारा श्रीरामलीला का मंचन किया गया।
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उत्तर प्रदेश दीपोत्सव-2024 मुख्यमंत्री ने अयोध्या के रामकथा पार्क में दीपावली के अवसर पर आयोजित 8वें दीपोत्सव में भगवान श्रीराम के स्वरूप का राज्याभिषेक किया। मुख्यमंत्री ने रामचरितमानस की चौपाई ‘अवध तहाँ जहँ राम निवासू-तहँइँ दिवसु जहँ भानु प्रकासू से अपने सम्बोधन की शुरूआत की। यह वर्ष अयोध्या के लिए अद्भुत, अलौकिक, अनुपम तथा अद्वितीय है। अयोध्या में श्रीरामलला के विराजमान होने के बाद यह पहला दीपोत्सव है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभु श्रीराम ने लोगों को यह सन्देश दिया है कि अपने पथ से कभी विचलित न हों, संघर्ष करें, उन्हें सफलता जरूर प्राप्त होगी।
आज का यह अवसर उन सभी को स्मरण करने का है, जिन्होंने श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया वर्ष 2017 के बाद अयोध्या में विकास के अनेक कार्य हुए। 31 हजार 000 करोड़ रुपये लागत की परियोजहनाएं या तो पूरी हो चुकीं या उन पर युद्धस्तर पर कार्य चल रहा है। हजारों वर्ष पहले भगवान श्रीराम पुष्पक विमान से अयोध्या आए थे, उसके बाद से यहां फिर कोई विमान नहीं उतर पाया था। प्रधानमंत्री के संकल्प से अयोध्या इस अभिशाप से मुक्त हो पाई।
यहां इण्टरनेशनल एयरपोर्ट बना आज अयोध्या में प्रतिदिन औसतन 01 लाख श्रद्धालु आ रहे। जिस प्रकार हमारी सरकार ने उत्तर प्रदेश को माफिया से मुक्त करके इसे एक सुरक्षित प्रदेश बनाया, उसी प्रकार हम अयोध्या के मूल स्वडरूप को छेड़े बगैर विकास के मार्ग से सभी बैरियर हटा रहे हैं।
सनातन धर्म ने कभी किसी का अहित नहीं किया, बल्कि सबको गले लगाया। प्रधानमंत्री ने वर्ष 2014 में देश में रामराज्य के अनुसार शासन व्यवस्था का संचालन प्रारम्भ किया। उत्तर प्रदेश देश की सर्वाधिक आबादी वाला राज्य है। यहां की 25 करोड़ की आबादी आगे बढ़ेगी, तो देश भी आगे बढ़ेगा। उत्तर प्रदेश में प्रभु की कृपा से विरासत का संरक्षण करते हुए विकास की गंगा निरन्तर बहती रहेगी।
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मुख्यमंत्री ने भगवान श्रीराम के आदर्श, जीवन दर्शन तथा विभिन्न सामाजिक विषयों से जुड़ी झांकियों सहित शोभा यात्रा का अवलोकन किया। हेलीकॉप्टर से प्रभु श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी के स्वरूपों का अवतरण हुआ। जिनका मुख्यमंत्री, केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री, उप मुख्यमंत्रीद्वय तथा विशिष्ट महानुभाव ने स्वागत किया। यहीं पर भरत मिलाप का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। मुख्यमंत्री सहित अन्य विशिष्ट महानुभाव प्रभु श्रीराम का रथ खींचकर रामकथा पार्क के मंच तक लाये। प्रभु श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण के स्वरूप के मंच पर आने पर पूजन-वन्दन एवं आरती की।