RAIGARH. प्रदेश में नगर निकाय चुनाव को लेकर भले ही अभी तारीखों का ऐलान न हुआ। लेकिन भाजपा और कांग्रेस में टिकट के लिए दावेदारी का दौर शुरू हो गया है। दोनों ही पार्टियों में अब तक आधा दर्जन से अधिक दावेदारों के नाम सामने आ चुके हैं। दावेदारों की दौड़ में मेयर और पूर्व मेयर तक शामिल हैं। ऐसे में दोनों ही पार्टियों में टिकट के लिए घमासान मचना तय है।
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आगामी निकाय चुनाव को लेकर रायगढ़ में टिकट के लिए अभी से खींचतान मची हुई है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों में टिकट के लिए कतारें लगी हुई है। भाजपा जहां हर हाल में नगर निगम पर कब्जा जमाना चाह रही है, तो वहीं कांग्रेस दूसरी बार सत्ता पाने की कवायद में है।
दरअसल रायगढ़ नगर निगम सीट में पिछले दो चुनाव से भाजपा को करारी शिकस्त मिल रही है। इस सीट पर साल 2014 में जहां निर्दलीय किन्नर प्रत्याशी मधुबाई चुनाव जीत कर मेयर बन चुकी हैं तो वहीं पिछले चुनाव में कांग्रेस की जानकी काटजू महापौर के पद तक पर काबिज हुई। ऐसे में इस बार भाजपा हर हाल में नगर निगम पर कब्जा जमाना चाह रही है।
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भाजपा में दावेदारों की कमी नहीं
प्रदेश में सत्ता आने के बाद भाजपा में दावेदारों की कमी नहीं है। टिकट के लिए पूर्व एल्डरमैन नरेश गोरख, पूर्व मेयर के बेटे नितेश चौहथा, बीना चौहथा, सुशीला चौहान, त्रिवेणी डहरे, जीवर्धन चौहान जैसे नाम सामने आ रहे हैं। दावेदारों का कहना है कि पार्टी अगर उन्हें मौका देती है तो वे जरूर चुनाव लड़ेंगे।
इधर दावेदारों के अधिक होने से टिकट वितरण को लेकर भी पार्टी को मशक्कत करनी पड़ सकती है। हालांकि भाजपा का कहना है कि लोगों का भाजपा के प्रति लगातार विश्वास बढ़ रहा है। ऐसे मैंने सिर्फ लोग पार्टी से जुड़ रहे हैं बल्कि उनकी टिकट को लेकर महत्वाकांक्षा भी बढ़ रही है। पार्टी सब कुछ देख समझकर इस पर निर्णय लेगी।
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कांग्रेस में भी दावेदारों की भरमार
इधर कांग्रेस में भी दावेदारों की संख्या कम नहीं है। वर्तमान में जानकी काटजू जहां दूसरी पारी के लिए तैयारी कर रही है तो वहीं अन्य दावेदारों की भी कमी नहीं है। पूर्व महापौर जेठू राम मनहर, संजय चौहान, नारायण गोरे जैसे नाम टिकट की दौड़ में शामिल हैं। हालांकि कांग्रेस संगठन का कहना है कि पार्टी की ओर से लगातार सर्वे हो रहा है। कार्यकर्ताओं की बैठकें भी हो रही हैं। सर्वसम्मति से आने वाले समय में एक नाम तय किया जाएगा। कांग्रेस ने 5 साल में बेहतर काम किया है। ऐसे में इस चुनाव में भी कांग्रेस फिर से बहुमत के साथ सत्ता वापसी करेगी।