RAIPUR NEWS. छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार और लापरवाही पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। इस बीच, राज्य शासन ने आज यानी 20 सितंबर को छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के महाप्रबंधक (जीएम) तथा राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर प्रेमप्रकाश शर्मा को सस्पेंड कर दिया है। कुछ दिन पहले एक पेपर मिल में छत्तीसगढ़ के स्कूल कोर्स की इसी सत्र की लाखों रुपए की नई किताबें रद्दी में मिली थीं। सीएम ने इसे गंभीरता से लेते हुए आईएएस अफसर की अध्यक्षता में समिति बनाई थी, जिसने जांच कर रिपोर्ट दे दी। इस रिपोर्ट केअध्ययन के बाद सीएम साय ने जीएम को तुरंत निलंबित करने के निर्देश दिए।
दरअसल, छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है। सीएम साय ने कलेक्टर कान्फ्रेंस में भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस को लेकर सख्त निर्देश अधिकारियों को दिए थे। मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार को लेकर कड़ाई जमीनी स्तर पर भी उतनी ही सख्त नजर आ रही है। इसकी बानगी एक बार फिर सरकार की त्वरित कार्रवाई से दिखती है। इस कार्रवाई को सीएम के उसी निर्देश का नतीजा माना जा रहा है। मुख्यमंत्री साय ने सिलयारी स्थित रियल बोर्ड पेपर मिल में छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा छापी गई वर्ष 2024-25 सत्र की नई किताबें के कबाड़ में बेचे जाने की घटना के प्रकाश में आने पर तत्काल गंभीरतापूर्वक संज्ञान लेते हुए अपर मुख्य सचिव रेणु पिल्ले को इस घटना की जांच के निर्देश दिए थे।
ये भी पढ़ें: पहले बजाई बीन अब किया हवन, देवेंद्र यादव की रिहाई की माँग को लेकर लगातार प्रदर्शन
जांच के उपरांत छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के महाप्रबंधक राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर प्रेम प्रकाश शर्मा की प्रथम दृष्टया लापरवाही परिलक्षित होने पर छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के तहत् तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम का मामला सामने आने पर इस घटना की जाँच का दायित्व मुख्य सचिव के पश्चात सबसे वरिष्ठ अधिकारी को देना यह स्पष्ट करता है कि इस राज्य में अब प्रशासनिक ढिलाई के दिन बीत चुके हैं । यदि किसी ने लापरवाही या भ्रष्टाचार किया, तो उस पर कार्यवाही अवश्य होगी। कलेक्टर एसपी कांफ्रेंस में कड़े तेवर दिखाने के बाद मुख्यमंत्री ने निलंबन की इस कार्यवाही से यह स्पष्ट कर दिया है कि प्रशासनिक लापरवाही उन्हें बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं होगी।
ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में वित्त विभाग की मंजूरी… इस सेक्टर में होगी 650 पदों पर भर्ती, जानिए किस पद में कितनी वेकैंसी
छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम का मामला सामने आने पर इस घटना की जाँच का दायित्व मुख्य सचिव के पश्चात सबसे वरिष्ठ अधिकारी को देना यह स्पष्ट करता है कि इस राज्य में अब प्रशासनिक ढिलाई के दिन बीत चुके हैं । सीएम साय ने अफसरों को निर्देश दिया है कि शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विषयों में लापरवाही बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शासकीय दायित्वों के निर्वहन में उदासीनता बरतने वाले लापरवाह अधिकारियों-कर्मचारियों के विरुद्ध कड़ी कारवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि यह सुशासन की सरकार है और भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस है। किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के द्वारा अपने शासकीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही पर तत्काल कड़ी कारवाई सुनिश्चित की जाएगी।