KOLKATA. कोलकाता दुष्कर्म-हत्या में सीबीआई जांच के साथ सियासत भी तेज हो गई है। इस बीच, आज यानी 14 सितंबर को प्रदर्शन पर बैठे अड़े जूनियर डॉक्टर्स से मिलने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहुंचीं। उन्होंने इस दौरान डॉक्टर्स को काम पर वापस लौटने की अपील की। साथ की कहा कि मैं डॉक्टर्स के साथ हूं। साल्ट लेक में स्वास्थ्य विभाग के बाहर धरना मंच पर पहुंचीं बंगाल सीएम ने वी वांट जस्टिस के नारों के बीच कहा कि मैं आपका (डॉक्टर्स) दर्द समझती हूं, इसलिए मैं आपके साथ हूं. मुझे सीएम पद की चिंता नही हैं। छात्र जीवन में मैंने भी बहुत आंदोलन किया है। हमें आपकी सुरक्षा की चिंता है।
डॉक्टर्स के प्रदर्शन के दौरान ममता बनर्जी ने कहा कि आप लोगों के सड़क पर होने की वजह से मैं भी रातों को सो नहीं सकी हूं। पहरेदार के तौर पर मुझे जागना पड़ा है। अगर आप लोग काम पर लौट आएं तो मैं वादा करती हूं कि आपकी सभी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करूंगी।सबके साथ बातचीत होगी और दोषियों को सजा मिलेगी। मैं सीबीआई से दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग करती हूं।
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दरअसल, बंगाल सीएम धरनास्थल पर ऐसे समय पर पहुंची हैं, जब साल्ट लेक में स्वास्थ्य विभाग के दफ्तर के बाहर जूनियर डॉक्टर्स का प्रदर्शन पांचवें दिन (मूसलाधार बारिश के बावजूद) भी जारी रहा। प्रदर्शनकारी डॉक्टर्स के मुताबिक मृतका को जब तक न्याय नहीं मिल जाता और हमारी अन्य मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक बारिश, गर्मी, भूकंप भी हमारे प्रदर्शन को रोक नहीं पाएंगे। हम यहां एक नेक उद्देश्य के लिए आए हैं और कोई भी ताकत हमें इसे पाने से नहीं रोक पाएगी।
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प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर्स का कहना है कि अगर कोई सोचता है कि हम अड़ियल और जिद्दी हैं तो यह बिल्कुल गलत बात है, उनके दिमाग में जरूर कुछ चल रहा है। हम चिकित्सक हैं, नेता नहीं। यहां कोई राजनीति नहीं है। यह स्वास्थ्य व्यवस्था को साफ करने की सिर्फ एक मांग है। इस बीच, आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के आस-पास लागू निषेधाज्ञा की अवधि 30 सितंबर तक बढ़ा दी गई है। अफसरों के अनुसार, निषेधाज्ञा पहली बार 18 अगस्त को लागू की गई थी, जबकि इन आदेशों के तहत निर्दिष्ट क्षेत्र में पांच से अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध है।