JANJGIR NEWS. जांजगीर में चिटफंड कंपनी में राशि निवेश करने वाले निवेशकों ने जेल भरो आंदोलन किया है। यहां सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे थे और रैली निकालकर प्रदर्शन किया। फिर तहसीलदार को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है। इस दौरान 501 लोगों की गिरफ्तारी की गई है, जिन्हें मुचलका में छोड़ दिया गया।
दरअसल, 1 सितम्बर से निवेशकों द्वारा चिटफंड में डूबी राशि को दिलाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना आंदोलन किया जा रहा है। पिछले दिनों भी रैली निकालकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया था। आज निवेशकों ने रैली निकालकर जेल भरो आंदोलन किया। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में निवेशक पहुंचे थे। जिन्होंने जमकर नारेबाजी की और राशि वापसी की मांग की। इस दौरान निवेशकों का कहना था कि जब तक मांग पूरी नहीं होगी, तब तक आंदोलन किया जाएगा।
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बता दें कि जांजगीर- चांपा जिले के 76 हजार 215 निवेशकों ने 223 चिटफंड कंपनियों में 2 अरब 17 करोड़ 40 लाख 70027 रूपये निवेश किया है। इनमें से मात्र एक कंपनी की संपत्ति निलाम कर निवेशकों को 45 लाख रुपए ही लौटाया गया है। जबकि अन्य निवेशकों को फूटी कौड़ी तक नहीं मिली है।
प्रदेश में बड्स एक्ट 2019 लागू करने की मांग को लेकर चिटफंड कंपनियों में निवेश करने वाले निवेशक जिला मुख्यालय जांजगीर के हाकी मैदान के पास पिछले 20 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे थे। आंदोलन के 20 वें दिन निवेशकों ने ठगी पीड़ित जमाकर्ता इकाई छग के बैनर तले रैली निकालकर कलेक्टर के नाम एसडीएम कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा था।
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ज्यादातर चिटफंड कंपनियों के कार्यालय बंद हो गए मगर निवेशकों को उनकी राशि नहीं मिली। उनके द्वारा थाने से लेकर न्यायालय तक का चक्कर भी लगाया गया। लेकिन उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ।
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वर्ष 2018 में जब कांग्रेस सरकार बनी तो सरकार ने चिटफंड कंपनियों में डूबे रकम को वापस दिलाने के लिए आवेदन मंगाया। एक जनवरी 2019 से 15 फरवरी 2023 तक पीड़ितों ने आवेदन जमा किया। तहसील कार्यालयों में निवेशकों की भीड़ लगी और देखते ही देखते 76215 निवेशकों ने आवेदन दिया।
मगर राशि लौटाने के नाम पर सिर्फ विनायक होम्स रियल स्टेट लिमिटेड की 45 लाख की संपत्ति 16 अप्रैल 2023 को नीलाम की गई और उसके निवेशकों को यह राशि लौटाई गई। महज एक मात्र कंपनी की संपत्ति नीलाम हुई जबकि 222 कंपनियों की संपत्ति की नीलामी नहीं हुई है।