BILASPUR. 1 जनवरी 2024 को पूरा छत्तीसगढ़ नए साल का स्वागत कर रहा था, लेकिन बिलासपुर जिले के मस्तूरी 34 साल का युवक अपने परिवार को खत्म करने की योजना बना रहा था। गुब्बारों से घर को सजाया और केक लेकर आया। रात को बच्चों से केक कटवाया और बैठकर उनके साथ खाना खाया और पत्नी और तीन बच्चों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। अपना परिवार खत्म करने के बाद खुद थाने पहुंचा और गिरफ्तार दी। इसके बाद पुलिस ने जांच के जेल भेज दिया और यह मामला कोर्ट पहुंच गया।
बिलासपुर में दशम अपर सत्र न्यायाधीश अविनाश के त्रिपाठी की कोर्ट ने घटना के महज सात महीने के अंदर सजा सुनाई है। घटना को रेयरेस्ट ऑफ रेयर मानते हुए आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने फैसले में कहा है- यह बर्बरता की पराकाष्ठा है। नृशंस एवं हृदयहीन हत्या को धिक्कारने के लिए कड़े से कड़े शब्द भी कम पड़ेंगे। मामले में शासन की तरफ से अतिरिक्त लोक अभियोजक लक्ष्मीकांत तिवारी और अभिजीत तिवारी ने पैरवी की।
ये भी पढ़ें: 46 ट्रेनें फिर कैंसिल, इससे MP-UP समेत इन राज्यों में जाना होगा मुश्किल…पढ़ें रेलवे का पूरा शेड्यूल
इस दौरान कोर्ट ने फैसले में कहा है कि तथ्य एवं परिस्थितियां इस प्रकरण को विरलतम से विरलतम यानी रेयरेस्ट ऑफ रेयर बनाता है। ऐसे बर्बरतापूर्ण व्यवहार करने वाले अभियुक्त को समाज में जीने का अधिकार नहीं है। उसके साथ न्यायिक नम्रता बरती गई तो इसे न्यायिक पंगुता मानकर ऐसे अपराधी अपराध करने के लिए प्रोत्साहित होंगे। समाज को विधि या कानून की मदद से चला पाना कठिन होगा। आरोपी की उम्र 34 वर्ष है, वह बौद्धिकता से परिपक्व मस्तिष्क का है। इस प्रकरण में सुधार की कोई गुंजाइश नहीं है। वह फिर से समाज मे शामिल होने के लायक नहीं है। इस प्रकरण में अभियुक्त को मृत्युदंड देना ही समाज के हित मे उपयुक्त होगा।
ये भी पढ़ें: DMF में 25 से 40 फीसदी कमीशन का खेल! ED ने जब्त किए 76 लाख रुपए, 35 लाख खातों में सीज
बता दें कि मस्तूरी से करीब 6 किमी दूर ग्राम हिर्री निवासी उमेंद्र राम केंवट पिता दशरथ केंवट (34) रोजी-मजदूरी करता था। 8 साल पहले उसकी जांजगीर चांपा जिले के अकलतरा थाना क्षेत्र के ग्राम बरगवां निवासी सुक्रिता (28) से शादी हुई थी। दोनों के तीन उनके तीन बच्चे खुशी (8), निशा (4) व पवन (3) थे। माता-पिता के साथ उमेंद्र उसकी पत्नी व बच्चे रहते थे। शादी के बाद से ही उमेंद्र अपनी पत्नी के चरित्र पर संदेह करता था, इस कारण उनके बीच हमेशा विवाद होता था। 1 जनवरी 2024 की रात उमेंद्र पत्नी बच्चों के साथ पर ही था।
ये भी पढ़ें: PSC ने फिर निकाली वैकेंसी… 595 प्रोफेसरों की इन विषयों के लिए भर्ती होगी, जानें प्रक्रिया
इसी दिन उमेंद्र की बहन व जीजा भी घर आए थे। सभी सो रहे थे। रात करीब 10 बजे उमेंद्र पत्नी को बाड़ी ले गया और पीछे से उसके गले में रस्सी फंसाकर घोंट दिया। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद बाद कमरे में आया। यहां खाट पर तीनों बच्चों एक साथ सो रहे थे। उमेंद्र ने तीनों को बारी-बारी से मार डाला। उनका भी उसी रस्सी से गला घोंटा। घटना के बाद वह बाड़ी के रास्ते से घर से निकला और हिर्री से मस्तूरी थाने पहुंचकर गिरफ्तार दे दी।