MUMBAI. कोल्हापुर से स्ट्रक्चरल इंजीनियर चेतन पाटिल गिरफ्तार कर लिया गया है। छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा के ढहने के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। पुलिस ने पाटिल को हिरासत में लेकर आगे की जांच के लिए सिंधुदुर्ग पुलिस को सौंप दिया है। कोल्हापुर के पुलिस अधीक्षक महेंद्र पंडित ने पाटिल की गिरफ्तारी की पुष्टि की। कलाकार जयदीप आप्टे का नाम भी एफआईआर में दर्ज है और उन्हें अभी तक नहीं पकड़ा जा सका है। बता दें कि प्रतिमा का अनावरण 4 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। अधिकारियों का दावा है कि हवा की गति के कारण प्रतिमा गिरी है। पाटिल ने दावा किया कि उनका प्रतिमा में कोई सीधा योगदान नहीं था।
बता दें कि शिवाजी की प्रतिमा सोमवार को दोपहर करीब 1 बजे ढह गई, जिसका अनावरण पिछले साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस के दिन सिंधुदुर्ग के मालवन तहसील में राजकोट किले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। कोल्हापुर में रहने वाले चेतन पाटिल ने पहले दावा किया था कि वह प्रतिमा परियोजना के लिए स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट नहीं थे। चेतन पाटिल ने परियोजना में अपनी भागीदारी के बारे में कहा, ‘ठाणे स्थित एक कंपनी ने प्रतिमा से संबंधित काम किया। मुझे सिर्फ उस प्लेटफॉर्म पर काम करने के लिए कहा गया था, जिस पर प्रतिमा लगाई जा रही थी।
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पाटिल ने यह भी बताया कि उन्होंने राज्य के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के माध्यम से भारतीय नौसेना को मंच का डिज़ाइन सौंपा था, लेकिन उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि मूर्ति में उनकी कोई भूमिका नहीं है। रा इससे कोई लेना-देना नहीं है। मेरे पास कोई कार्य आदेश नहीं था, जिसके लिए मुझे नियुक्त किया गया था। यह काम ठाणे स्थित फर्म को दिया गया था। मुझे बस उस मंच पर काम करने के लिए कहा गया था जिस पर मूर्ति बनाई जा रही थी।
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ये है पूरा मामला
26 अगस्त की दोपहर तटीय सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले में मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची मूर्ति गिर गई थी। यह प्रतिमा भारतीय नौसेना ने बनाई थी। मूर्ति का अनावरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल दिसंबर में किया था। इस घटना से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को शर्मिंदगी उठानी पड़ी और विपक्षी दलों की आलोचना और विरोध प्रदर्शन को आमंत्रित किया। शिंदे ने कहा कि मूर्ति को भारतीय नौसेना ने डिज़ाइन और निर्माण किया था।