NEW DEHLI. छत्तीसगढ़ के सहायक शिक्षक के पद पर पदस्थ शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट बड़ा मिला है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को सही माना है। इसी आधार पर शिक्षकों की रिव्यू पीटिशन को खारिज कर दिया है। इसमें बीएड शिक्षकों की नियुक्तियों को निरस्त किया गया है।
बता दें, छत्तीसगढ़ में 11 अगस्त 2023 को शिक्षकों की भर्ती को लेकर दायर याचिका पर बीएड डिग्रीधारकों को प्राइमरी स्कूलों में भर्ती के लिए अयोग्य और असंवैधानिक माना था। साथ ही डीएलएड डिप्लोमा वालों को ही प्राइमरी स्कूल शिक्षक के रूप में नियुक्ति देने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ बीएड डिग्री धारी देवेश शर्मा ने रिव्यू याचिका दायर की थी। जिसें सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
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ये है मामला
छत्तीसगढ़ में 4 मई 2023 को सहायक शिक्षकों के लगभग 6500 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। 10 जून को परीक्षा हुई थी। इसमें बीएड व डीएलएड डिग्री धारी अभ्यर्थी शामिल हुए थे। सहायक शिक्षक के तौर पर डीएलएड डिग्री धारकों को योग्य माना जाता है। जबकि बड़े क्लास को पढ़ाने यानी कि शिक्षक के पद पर बीएड डिग्री धारी योग्य माने गए है।
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लेकिन यहां पर डीएड के बजाए बीएड डिग्री धारियों को सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्त किया गया है। इसी पर डीएड डिग्री धारियों ने याचिका दायर की थी। इस पर हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इसकी सुनवाई 28 अगस्त को होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने भी माना गलत
प्रदेश में शिक्षक भर्ती 2023 के विवाद में सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्त बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के नियुक्ति निरस्त करने के आदेश को चुनौती दी थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि 11 अगस्त के फैसे के बाद बीएड को अपाइंटमेंट नहीं दिया जा सकता है जबकि छत्तीसगढ़ देश में एकलौता राज्य है जहां पर बीएड डिग्रीधारियों को सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्ति किया गया है।