प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), रायपुर ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत डीएमएफ (जिला खनिज निधि) घोटाले से जुड़े छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में 04 स्थानों पर बडे ही गोपनीय तरीके से दो दिन 9 और 10 अगस्त को तलाशी अभियान चलाया है। तलाशी अभियान के दौरान 1.11 करोड़ रुपये की नकदी और बैंक बैलेंस जब्त/फ्रीज किया गया है।
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आपको बता दें कि ईडी ने छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा IPC की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज 03 अलग-अलग एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की है। जिसमें डीएमएफ ठेकेदारों द्वारा राज्य सरकार के अधिकारियों और राजनीतिक अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके सरकारी धन की हेराफेरी में शामिल होने का आरोप है।
यह मामला छत्तीसगढ़ में जिला खनिज निधि से धन के उपयोग में भ्रष्टाचार से संबंधित है। ईडी की जांच से पता चला है कि ठेकेदारों ने अधिकारियों और राजनीतिक अधिकारियों को भारी मात्रा में कमीशन/अवैध रिश्वत दी है। जो अनुबंध मूल्य का 25% से 40% है। रिश्वत के भुगतान के लिए इस्तेमाल की गई नकदी विक्रेताओं द्वारा आवास प्रविष्टियों का उपयोग करके उत्पन्न की गई थी।
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इसके अलावा प्रविष्टि प्रदाताओं और उनके संरक्षकों पर तलाशी ली गई। जिसमें विभिन्न आपत्तिजनक विवरण, कई नकली स्वामित्व वाली संस्थाएँ और भारी मात्रा में नकदी मिली है। तलाशी और जब्ती अभियान के परिणामस्वरूप, 76.50 लाख रुपये की नकदी जब्त की गई है। इसके अलावा फर्मों से संबंधित 8 बैंक खातों को भी फ्रीज कर दिया गया है। जिनमें लगभग 35 लाख रुपये का खाता शेष है। नकली फर्मों से संबंधित विभिन्न स्टाम्प और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस भी जब्त किए गए हैं। आगे की जांच जारी है।