BIAJPAUR. बीजापुर जिले से एक बड़ा मामला सामने आया है। दरअसल, छत्तीसगढ़ में इन दिनों पोटाकेबिन अधीक्षकों की लापरवाही देखने को मिल रही हैं। इस बीच, भोपालपटनम ब्लॉक के रेसीडेंटल स्कूल में दूसरे दिन भी एक छात्रा की मौत हो गई है। इससे पहले कन्या आवासीय आश्रम तारलागुडा की छात्रा की मौत हुई, उसके दूसरे ही दिन संगमपल्ली पोटाकेबिन की छात्रा की मौत बीजापुर जिला अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई।
जानकारी के अनुसार भोपालपटनम ब्लॉक के रेसीडेंटल स्कूल में 30 घंटे में दो छात्राओं की मौत से छात्रावास प्रबंधन में हड़कंप मच गया है। 2 छात्राओं की मौत से अन्य छात्राओं में रोष है वहीं दूसरी ओर उन्हे चिंता भी सता रही है। मिली जानकारी के अनुसार संगमपल्ली पोटाकेबिन की छात्रा वैदिका जव्वा को बेहोशी की हालत में जिला अस्पताल लाया गया था। उसकी स्थिति बिलकुल नाजुक बनी हुई थी। उसको देखने जिला कलेक्टर अनुराग पाण्डेय जिला पंचायत सीईओ और एस डी एम अस्पताल पहुँच कर डॉक्टर कों बेहतर उपचार के निर्देश दिए थे।
वहीं, बच्ची हालत को देखते हुये जगदलपुर रेफर करने की भी तैयारी की जा रही थी। लेकिन अंततर: बच्ची की मौत हो गई। छत्तीसगढ़ में इन दिनों पोटाकेबिन अधीक्षकों की लापरवाही देखने को मिल रही हैं। इसके पहले भी बीते दिन एक बच्ची का इलाज में देरी के कारण मौत हो गई। बच्ची को मलेरिया था। पोटाकेबिन के अधीक्षिका ने बच्ची को इलाज कराने के बजाए परिजनों को सौंप दिया था। बच्ची को बीजापुर से जगदलपुर इलाज के लिए रेफर किया गया। इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार कन्या आवासीय आश्रम तारलागुडा की अधिक्षिका ने छात्रा की तबीयत खराब होने पर उपचार कराने के बजाए उसे परिजनों को सौंप दिया था। समय पर उपचार नहीं होने से छात्रा की मौत हो गई। छात्रा चंदूर गांव की रहने वाली थी। बच्ची का नाम दीक्षिता रेगा था। बीजापुर से बच्ची को बेहतर इलाज के लिए जगदलपुर मेडिकल कॉलेज डिमरापाल लाया गया। वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।